बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश को मंजूरी

 बिहार सरकार ने विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों को और अधिक सशक्त एवं क्रियाशील बनाने के लिए बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2017 को आज मंजूरी दे दी;

Update: 2017-06-02 16:36 GMT

पटना। बिहार सरकार ने विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों को और अधिक सशक्त एवं क्रियाशील बनाने के लिए बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2017 को आज मंजूरी दे दी। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती राज विभाग के बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 25 एवं 26 में संशोधन एवं धारा 170 (क) के बाद 170 (ख) और 170 (ग) जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। 

विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2017 के प्रभावी होने के बाद पंचायत संस्थाओं को और अधिक शक्ति मिलेगी जिससे उसके अधीन क्रियान्वित होने वाली योजनाओं के कार्यों में तेजी आएगी। अधिनियम की धारा 25 की उपधारा (1) के तहत ग्राम पंचायत अपने कार्यों को प्रभावी तरीके से करने के लिए छह समितियों योजना, समन्वय एवं वित्त समिति, उत्पादन समिति, सामाजिक न्याय समिति, शिक्षा समिति, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं ग्रामीण स्वच्छता समिति और लोक निर्माण समिति का गठन कर सकेगी। 

सूत्रों के मुताबिक ग्राम पंचायत को इन समितियों के गठन का अधिकार वर्ष 2006 के अधिनियम में भी दिया गया था लेकिन संशोधन अध्यादेश लागू होने से इन समितियों में ग्राम पंचायत के अधिकार एवं कार्य में और बढ़ोतरी हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि योजना, समन्वय एवं वित्त समिति को धारा 22 में वर्णित विषयों सहित ग्राम पंचायत से संबंधित सामान्य कार्य, अन्य समितियों के कार्यों का समन्वय और अन्य समितियों के प्रभार में नहीं रहने पर उसके शेष कार्यों के संपादन जैसे कार्य करने हैं वहीं उत्पादन समिति को अब कृषि, पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, वानिकी, खादी ग्राम या कुटीर उद्योग एवं गरीबी उपशमन संबंधी कार्य करने के साथ ही उसकी निगरानी और निरीक्षण का भी अधिकार होगा। 

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