बिहार : सीएए, एनआरसी के खिलाफ वामदलों ने बनाई मानव श्रृंखला

बिहार में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ शनिवार को वामदलों ने मानव श्रंखला बनाई;

Update: 2020-01-25 21:55 GMT

पटना। बिहार में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ शनिवार को वामदलों ने मानव श्रंखला बनाई। राज्य के जिला मुख्यालयों में अपराह्न 1.30 बजे से 2.30 बजे तक आयोजित इस श्रंखला के जरिए लोगों ने सरकार से इन कानूनों को रद्द करने व अविलंब वापस लेने की मांग की। राजधानी पटना में बुद्ध पार्क से ऐतिहासिक गांधी मैदान तक मानव श्रंखला बनाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में मजदूर, छात्र वर्ग और अल्पसंख्यकों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा समनपुरा, महावीर कैंसर संस्थान, फुलवारी शरीफ सहित अन्य इलाकों में भी मानव श्रंखला बनाई गई। लोग सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ हाथों में तख्तियां लिए पंक्तिबद्ध खड़े रहे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।

बुद्धा स्मृति पार्क से आरंभ आयोजित मानव श्रंखला में भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, धीरेंद्र झा, कांग्रेस विधायक शकील अहमद सहित हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), जन अभियान और अन्य सांस्कृतिक, राजनीतिक, छात्र संगठनों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

इस अवसर पर माले महासचिव ने कहा, "सीएए, एनआरसी व एनपीआर को वापस लेने की मांग पर आज की मानव श्रंखला में न केवल अल्पसंख्यक समुदाय, बल्कि व्यापक पैमाने पर दलित, गरीबों की भागीदारी हो रही है। इन काले कानूनों की असलियत धीरे-धीरे विभिन्न तबके के लोग समझने लगे हैं और वे संघर्ष के मैदान में कूद रहे हैं।"

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