बिहार का ऐतिहासिक सोनपुर मेला आज भी आकर्षण का केंद्र
मॉल कल्चर के बाजवूद बिहार का ऐतिहासिक सोनपुर मेला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है;
पटना। मॉल कल्चर के बाजवूद बिहार का ऐतिहासिक सोनपुर मेला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बिहार की राजधानी पटना से करीब 25 किलोमीटर दूर सारण जिले के सोनपुर में हरिहर क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगने वाला विश्वविख्यात सोनपुर मेले को लेकर देश-विदेश के पर्यटकों में जबर्दस्त आकर्षण बरकरार है।
वैशाली जिले के हाजीपुर शहर से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित सोनपुर में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है।
यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है लेकिन इस मेले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर अन्य सामान की खरीददारी की जा सकती है।
पिछले एक दशक में मॉल कल्चर के दौर में भले ही मेले के स्वरूप और रंग-ढंग में बदलाव आया है लेकिन इसकी सार्थकता आज भी बनी हुई है। प्रतिवर्ष कार्तिक मास के पूर्णिमा स्नान के साथ यह मेला शुरू हो जाता है जो पूरे एक माह तक चलता है।
इस मेले के ऐतिहासिक महत्व के बारे में कहा जाता है कि इसमें कभी अफगानिस्तान, ईरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीददारी करने आया करते थे। यह भी कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने भी इसी मेले से बैल, घोड़े, हाथी और हथियारों की खरीददारी की थी।