बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, जीवन अस्त- व्यस्त

 उत्तर एवं पूर्वी बिहार के बाढ़ग्रस्त जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी रहने से जहां कई नये इलाकों में पानी फैल गया हैं;

Update: 2017-08-18 12:10 GMT

पटना। उत्तर एवं पूर्वी बिहार के बाढ़ग्रस्त जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी रहने से जहां कई नये इलाकों में पानी फैल गया हैं वहीं लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) और सेना ने कमान संभाल रखी है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने आज यहां बताया कि नेपाल एवं बिहार के जलग्रहण क्षेत्रो में लगातार हो रही बारिश से सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से अब भी ऊपर है।

नदियों में उफान से राज्य के बाढ़ग्रस्त जिलों की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई। गुरुवार को पूर्णिया, कटिहार और मधेपुरा के कई नए इलाकों में पानी आने से लोगों में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं।

बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और सारण जिलों के 110 प्रखंड में करीब 92 लाख की आबादी प्रभावित हुई है।

सेना के साथ ही एनडीआरएफ और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार राहत कार्य में जुटे हुए है। सूत्रों ने बताया कि प्रभावित जिलों में लगातार सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है।

इन 14 जिलों में एनडीआरएफ की 27 टीम के 1110 जवान अपनी 114 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीम के 446 जवान अपनी 92 नौकाओं तथा 630 जवान एवं 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को गोपालगंज, पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल एवं मोतिहारी तथा पश्चिम चंपारण जिले के बगहा और बेतिया के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्यों में और तेजी लाने तथा प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को त्वरित मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। 
 

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