बिहार चुनाव में BJP ने मुस्लिम नेता को किया दरकिनार
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जहां एक तरफ जातीय समीकरण बैठाया जा रहा है. तो वहीं स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारा जा रहा है.;
बिहार , बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जहां एक तरफ जातीय समीकरण बैठाया जा रहा है. तो वहीं स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारा जा रहा है. पार्टी ने अपने प्रचारकों का सूची जारी कर दी है. इसके साथ ही बीजेपी में बगावत का दौर तेज हो गया है. खुद को स्टार प्रचारकों की सूची में नाम नहीं होने पर रूडी का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा, 'इस सूची में शामिल नहीं किया जाना, मेरे लिए दुख की बात है। पार्टी में मुझे विधायक के स्तर का भी नहीं समझा गया है।' फिलहाल रूडी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।
और वही शाहनवाज ने कहा, 'भाजपा ने इस पर फैसला लिया है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं। पार्टी द्वारा सौंपे गए काम को करना ही मेरा फर्ज है। मुझे सूची में शामिल नहीं करना पार्टी का फैसला है, मैं इसपर कोई जवाब नहीं दे सकता हूं।' उन्होंने कहा, 'मैं अटल बिहारी वाजपेयी के नवरत्नों में से एक हूं।
बिहार में जेडीयू की उंगली पकड़कर जीत के सपने देखने वाली बीजेपी की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में घमासान छिड़ा. और अब स्टार प्रचारकों को लेकर पार्टी की परेशानी बढ़ती जा रही है. जब से बीजेपी ने अपनी सूची जारी की है. तब से संग्राम छिड़ गया है. पार्टी ने बिहार के दो दिग्गज नेताओं को ही मैदान में नहीं उतारा है. लिस्ट से सांसद राजीव प्रताप रूडी और राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन का नाम गायब है. इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं… इन दोनों नेताओं को एक समय में बीजेपी के युवा चेहरों के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब ये दोनों पार्टी में साइडलाइन हो गए हैं।…शाहनवाज हुसैन पिछले कई सालों से संगठन के लिए काम करने में जुटे हुए हैं… वहीं, राजीव प्रताप रूडी लगातार चुनाव जीतने के बाद भी इस बार केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए…वे बिहार के सारण लोकसभा सीट से सांसद हैं… राजनीति में प्रवेश करते ही, उन्हें एक तेजतर्रार नेता के रूप में पहचान मिली…25 वर्ष की उम्र में विधायक बने। इसके बाद लगातार चुनाव जीतते गए… वर्तमान में सांसद भी हैं। इसके बाद भी भाजपा ने उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से दरकिनार किया हुआ है…इसीलिए उनका दर्द छलक आया. उन्होंने कहा कि इस सूची में शामिल नहीं किया जाना, मेरे लिए दुख की बात है। पार्टी में मुझे विधायक के स्तर का भी नहीं समझा गया है…वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में जब भी मुस्लिम चेहरों की बात होती है तो शाहनवाज हुसैन का नाम सबसे ऊपर होता है। लेकिन बीजेपी में उनकी गतिविधियां काफी कम हो गई हैं। सूची में नाम नहीं शामिल होने पर शाहनवाज ने कहा कि बीजेपी ने इस पर फैसला लिया है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं। पार्टी द्वारा सौंपे गए काम को करना ही मेरा फर्ज है। मुझे सूची में शामिल नहीं करना पार्टी का फैसला है, मैं इसपर कोई जवाब नहीं दे सकता हूं… 'मैं अटल बिहारी वाजपेयी के नवरत्नों में से एक हूं…अब दोनों दिग्गज तो दरकिनार किए जाने से खासे नाराज हैं. ऐसे में उनके समर्थकों का भी गुस्सा भड़क सकता है. अब देखना होगा कि कहीं प्रचारक बीजेपी के लिए परेशानी का सबब ना बन जाएं.