बिल्डरों की बड़ी लापरवाही, बिना कंपलीशन दे दिए निवेशकों को फ्लैट

बिल्डरों की एक बड़ी लापरवाही बिना कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी हुए निवेशकों को फ्लैटों पर कब्जा देना रहा। आधी अधूरी प्री पजेशन के नाम पर बिल्डरों ने निवेशकों को फ्लैट दे दिए;

Update: 2017-05-17 18:11 GMT

नोएडा। बिल्डरों की एक बड़ी लापरवाही बिना कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी हुए निवेशकों को फ्लैटों पर कब्जा देना रहा। आधी अधूरी प्री पजेशन के नाम पर बिल्डरों ने निवेशकों को फ्लैट दे दिए। अब प्राधिकरण उन निवेशकों की समस्या नहीं सुन पा रहा जिनको अभी तक पजेशन नहीं मिला। बल्कि वह बिल्डरों की लापरवाही की भेट चढ़े निवेशकों की बुनियादी सुविधाओं के निस्तारण में उलझे हुए है। जबकि मुख्यमंत्री ने नोएडा में निवेशकों को जल्द से जल्द पजेशन दिलाने के स्पष्ट निर्देश दिए है। 

शहर में निवेशकों की मुख्य समस्या फ्लैटों पर कब्जा नहीं मिलने की है। यहा करीब 30 हजार ऐसे निवेशक है जिन्होंने फ्लैट की कुल रकम का 95 प्रतिशत से अधिक रकम बिल्डर के खातों में जमा कर चुके है। लेकिन अभी तक उन्हें फ्लैटों पर कब्जा नहीं दिया जा सका है।

वह ईएमआई और बैंक के कागजों में ब्लैक लिस्ट तक हो चुके है। अब भी किराए के मकानों में रहने को मजबूर है। लिहाजा इन समस्याओं को लेकर निवेशक मुख्यमंत्री से भी मुलाकत कर चुके है।

ऐसे में निर्देश दिए गए कि निवेशकों को जल्द से जल्द फ्लैटों पर कब्जा दिलाया जाए। लेकिन यहा मामला उलटा हो चुका है। अब वह निवेशक प्राधिकरण व बैठकों में सामने आ रहे है। जिनको बिल्डर द्वारा प्री पजेशन के नाम पर फ्लैटों पर कब्जा दे दिया है। लेकिन उन्होंन सुविधाओं के नाम पर महज 10 प्रतिशत ही मिल रहा है।

उनसे सुविधाओं के लिए अतरिक्त पैसा वसूल करने, एक्सलेंस, बिजली, पानी के एवज में पैसा वसूल किया जा रहा है। साथ ही बीबीए के नियम दिखाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण दोनों मामलों के बीच अपनी मध्यस्ता कर रहा है।

जिसमे वह इस उलझन में है कि पहले कब्जा प्राप्त लोगों की समस्या सुलाई जाए या फिर लोगों को कब्जा दिलाया जाएगा। हालांकि इसमें सबसे बड़ा डिफाल्टर बिल्डर है। दरसअल, बिल्डर को कब्जा देने से पहले प्राधिकरण से कंपलीशन सर्टिफिकेट लेना होता है। इसे जारी करने से पहले प्राधिकरण साइट का मुआयना करता है।

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