स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में नागपुर के छात्रों को मिला श्रेष्ठ पुरस्कार

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2018 के एनआईईटी ग्रेटर नोएडा नोडल सेंटर में राष्ट्रीय मानव संस्थान विकास मंत्रालय से जुड़ी एजुकेशन और कैरियर की समस्याओं के समाधान के लिए सॉफ्टवेयर बनाने में 36 घंटे से कोड़िंग में;

Update: 2018-04-02 13:56 GMT

ग्रेटर नोएडा।  स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2018 के एनआईईटी ग्रेटर नोएडा नोडल सेंटर में राष्ट्रीय मानव संस्थान विकास मंत्रालय से जुड़ी एजुकेशन और कैरियर की समस्याओं के समाधान के लिए सॉफ्टवेयर बनाने में 36 घंटे से कोड़िंग में जुटी 56 टीमों में से तीसरे राउंड में 10 टीमों को चुना गया, जिनके बीच पावर राउंड हुआ।

इस राउंड में आईटी सेक्टर के 10 जजों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की उपसचिव डॉ. मालती नारायण, एआईसीटीई के प्रतिनिधी मेजर जनरल अमरजीत सिंह तथा केपीआईटी के प्रतिनिधी तुषार जुवेकर भी उपस्थित रहे। सभी जूरी मेंबर्स के अंकों के आधार पर विजेताओं को चुना गया। नागपुर के जी.एच. राइसोनी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की टीम साइबरनाइट्स को गवर्नमेंट ऑफ़ चंडीगढ़ द्वारा स्टूडेंट्स मोबाइल एप्प काल्वी बनाने को दी गई प्रॉब्लम का सर्वश्रेष्ठ सॉफ्टवेयर बनाने के लिए विजेता चुना गया। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से किसी भी कॉलेज का पूरा डाटा सरकार को मिल सकेगा तथा छात्र अपने मूल निवास प्रमाण पत्र और बोनाफाइड सर्टिफिकेट पाने के साथ अपने डॉक्यूमेंट वेरीफाई भी करा सकेंगे।

डॉ. मालती नारायण ने विजेता टीम को एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया और समापन समारोह के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र सिंह ने विजेताओं को शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। द्वितीय पुरुष्कार हैदराबाद के विग्नाना भारती इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की टीम एडुडेस्क को सिक्किम सरकार द्वारा दी गई प्रॉब्लम को सोल्वे करने के लिए दिया गया। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वयंसेवक छात्रों को सरकारी परियोजनाओं से जोड़ा जा सकता है और वे आवश्यकता पड़ने पर अपनी सुविधानुसार सेवाएं दे सकते हैं। जिन्हें पचास हजार का पुरस्कार मिला। तृतीय स्थान चेन्नई के सिवासुब्रमनिय नादर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों की टीम टैकविज को चंडीगढ़ सरकार की समस्या को हल करने के लिए मिला।

इनके अलावा परसिस्टेंट सिस्टम कंपनी की ओर से भुवनेश्वर से आयी गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की टीम को चंडीगढ़ सरकार की समस्या सुलझाने के लिए बनाए सॉफ्टवेयर को सम्मानित किया। केपीआईटी के प्रतिनिधि तुषार जुवेकर ने कंपनी की ओर से मुंबई के एमएच साबू सिद्दीक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की टीम को दिल्ली सरकार की समस्या सुलझाने के लिए बनाए सॉफ्टवेयर के लिए दस हजार रुपए का चेक, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।

डयोलाइट  कंपनी की ओर से गुजरात सरकार की समस्या सुलझाने की लिए मुंबई के द्वारकादास जीवनलाल संघवी  कॉलेज  ऑफ  इंजीनियरिंग की टीम को दस हज़ार रुपए का चेक, स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए। मुख्य अतिथि ठा. धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री भारत को विश्व पथ प्रदर्शक की भूमिका में लाने के लिए प्रयासरत हैं। 

भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की उपसचिव डॉ. मालती ने एनआईईटी संस्थान के प्रबंधन का आभार प्रकट किया। उन्होंने संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ ओपी. अग्रवाल व संस्थान के अध्यापकों तथा स्वयंसेवक छात्रों की इस हैकाथॉन को सफल बनाने में उनके योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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