7 करोड़ की ठगी का फरार आरोपी पुत्र सहित अंबिकापुर से गिरफ्तार

नौकरी लगवाने, सस्ते दर पर जमीन बेचने और एसईसीएल की खदान में जमीन निकलने पर नौकरी व मुआवजा मिलने का झांसा देकर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री;

Update: 2018-08-08 12:55 GMT

100 ठिकानों पर पुलिस ने अब तक दी थी दबिश, एक अन्य पुत्र की तलाश जारी 
कोरबा। नौकरी लगवाने, सस्ते दर पर जमीन बेचने और एसईसीएल की खदान में जमीन निकलने पर नौकरी व मुआवजा मिलने का झांसा देकर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराते हुए दर्जनों लोगों से 7 करोड़ रूपए से अधिक की ठगी व धोखाधड़ी के फरार पिता-पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

दो आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं जबकि पांचवे आरोपी की तलाश जारी है। 
पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभाकक्ष में मीडिया से रूबरू होते हुए एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि कटघोरा थाना क्षेत्र के हुंकरा निवासी शंकर रजक, उसके पुत्र अजय रजक, रवि रजक, भाई रतन रजक व सहयोगी सिद्धार्थ महंत के द्वारा कोरबा के अलावा दूसरे जिले के लोगों को अपने आपराधिक षड़यंत्र के झांसे में लेकर 7 करोड़ की धोखाधड़ी और ठगी को अंजाम दिया गया है। इनके विरुद्ध दीपका, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा, कटघोरा थाना में दर्जनों अपराध पंजीबद्ध हैं। पुलिस ने इनके फरार रहने पर 40 हजार का ईनाम घोषित किया। पूर्व में दो आरोपी रतन रजक व सिद्धार्थ महंत गिरफ्तार किए जा चुके हैं। तीन अन्य की तलाश की जा रही थी। गिरोह के मुखिया शंकर रजक को अंबिकापुर जिले के लुण्ड्रा से गिरफ्तार किया गया। उसके पुत्र अजय रजक की भी गिरफ्तारी वहीं से हुई है।

आरोपी से टाटा नेक्सान गाड़ी, मोबाइल एवं धोखाधड़ी से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एएसपी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में दर्री सीएसपी पुष्पेन्द्र बघेल के  नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया था। 100 से अधिक ठिकानों पर दबिश के बाद अंतत: मुखबिर की सूचना एवं ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए शंकर व अजय रजक को पकड़ लिया गया। ये सभी वहां अपना नाम और पहचान बदल कर किराये के मकान में रह रहे थे। एएसपी ने बताया कि शंकर रजक पूर्व में धोखाधड़ी के प्रकरण में जिला कबीरधाम की जेल में निरूद्ध रहा है। कहा गया कि मामले में विवेचना जारी है और दोषी पाये जाने वाले अन्य लोग भी आरोपी बनाए जाएंगे तथा उनकी गिरफ्तारियां भी होगी। उन्होंने कोरबा व अन्य जिला वासियों से शंकर रजक व उसके सहयोगियों द्वारा किसी भी तरह की ठगी का शिकार होने पर इसकी जानकारी संबंधित थाना में जाकर देने की अपील की है। शंकर रजक व उसके पुत्रों की गिरफ्तारी में एएसआई अजय सोनवानी, आरक्षक राकेश यादव, विशाल वर्मा, क्राईम ब्रांच प्रभारी एसआई कृष्णकुमार ध्रुव, प्रधान आरक्षक चक्रधर राठौर, आरक्षक गुनाराम सिन्हा, सायबर सेल प्रधान आरक्षक दुर्गेश राठौर, आरक्षक प्रशांत सिंह, रवि चौबे, विरकेश्वर सिंह, डेमन ओगरे, महिला आरक्षक रेणु की अहम भूमिका रही। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज द्वारा घोषित ईनाम की राशि उक्त टीम के सदस्यों को दी जाएगी। 

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