3 वर्षों से फरार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा द्वारा अपनी पदस्थापना जनवरी 2018 से गठित विशेष अनुसंधान इकाई को आज उस समय एक और सफलता प्राप्त हुई;
पुलिस की एसआईयू टीम ने पकड़ा
रायगढ़। पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा द्वारा अपनी पदस्थापना जनवरी 2018 से गठित विशेष अनुसंधान इकाई को आज उस समय एक और सफलता प्राप्त हुई जब उसने भूपदेवपुर थाने में लगभग 3 वर्षों से लंबित 420 के आरोपी प्रशांत गोयल को रायपुर से खोज निकाला । इस पूरे घटनाक्रम में दीपक झा पुलिस अधीक्षक रायगढ़ एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती प्रतिभा तिवारी के संयुक्त प्रयास ने आरोपी को कानून के सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है।
मामला इस प्रकार है कि प्रार्थी जयप्रकाश वासन भूपदेवपुर थाना क्षेत्रांतर्गत एस.के.एस पावर प्लांट में पैटी कांट्रेक्टर का काम करता है। माह अप्रैल वर्ष 2016 में जयप्रकाश वासन ने रायपुर स्थित लोहे कारोबारी प्रशांत गोयल जो कोणार्क ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर है को एक करोड़ 95 लाख के लोहे के सामान एवं एंगल प्रदान करने का करार करते हुए अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से प्रशांत गोयल की कंपनी को समस्त रकम का अग्रिम भुगतान कर दिया इसके पश्चात प्रशांत गोयल को नियमत: माल की सप्लाई जयप्रकाश वासन को करनी थी जो उसने छह माह तक नहीं की और बहाने बनाता रहा । छह माह तक लगातार टालमटोल करने के बाद अंतत: जयप्रकाश वासन ने थाना भूपदेवपुर में प्रशांत गोयल पिता स्व.शिवकरण गोयल 35 वर्ष समता कालोनी रायपुर के विरुद्ध धोखाधड़ी और आपराधिक दुर्विनियोग की शिकायत की जिस पर अपराध धारा 420 406 34 भा द वि के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया । अपराध दर्ज करने के बाद लगातार विवेचना प्रकरण में की जा रही थी ।
पुलिस महानिरीक्षक श्री दिपांशु काबरा ने अपनी पदस्थापना के तुरन्त बाद जनवरी 2018 में समस्त लंबित प्रकरणों की प्रगति की स्वयं समीक्षा की और जांच का जिम्मा अपने अधीनस्थ गठित विशेष अनुसंधान इकाई को सौंप दिया । विशेष अनुसंधान इकाई के निरीक्षक ए.खोखर स.उ.नि. प्रेम चंद्रा प्र.आर. बाबूलाल इस प्रकरण की सतत विवेचना करते हुए आरोपी की तलाश करते रहे । आरोपी का कोई निश्चित ठौर नहीं था कभी रायपुर कभी उड़ीसा क्योंकि आरोपी के समता कॉलोनी रायपुर स्थित निवास एवं कार्यालय दोनों को बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर ने 6 माह पूर्व ही प्रशांत गोयल पर देनदारी निकलने और किश्त न चुका पाने पर नीलाम कर दिया था।
इस प्रकार स्थायी तौर पर निवास ना होने से प्रशांत गोयल को पकड़ने में व्यावहारिक कठिनाइयां थीं तभी एकाएक प्रशांत गोयल के उड़ीसा से रायपुर आने की सूचना पर विशेष अनुसंधान इकाई टीम ने 3 दिनों से रायपुर में डेरा डाल कर ठोस जानकारी मिलने पर घेरेबंदी कर प्रशांत गोयल को रायपुर में धर दबोचा । प्रशांत गोयल को 7 अगस्त को भूपदेवपुर लाया जाकर विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर खरसिया अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि काबरा टीम ने अपने गठन के मात्र 5 माह के भीतर केवल रायगढ़ जिले में 12 वीं सफलता प्राप्त की है तथा आमजन का कानून के प्रति विश्वास भी बढ़ाया है । इस सफलता पर श्री काबरा, श्री झा और श्रीमती प्रतिभा ने विशेष अनुसंधान इकाई की पूरी टीम को बधाई देकर उनकी हौसला अफजाई की है ।