नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को संयुक्त संसदीय समिति की मंजूरी

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति ने इस विधेयक को कुछ सदस्यों के असहमति नोट के साथ मंजूरी दे दी है;

Update: 2019-01-08 02:24 GMT

नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति ने इस विधेयक को कुछ सदस्यों के असहमति नोट के साथ मंजूरी दे दी है। 

विधेयक में नागरिकता कानून 1955 में संशोधन कर पाकिस्तान, बंगलादेश तथा अफगानिस्तान से आकर अवैध रूप से देश में रह रहे हिन्दु,सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता के योग्य मानने का प्रावधान किया गया है। 

लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट आज संसद के दोनों सदनों में पेश की गयी। यह विधेयक 19 जुलाई को 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने का प्रस्ताव किया था। राज्यसभा ने इस प्रस्ताव को 12 अगस्त 2016 में मंजूरी दी। समिति को उसी वर्ष शीतकालीन सत्र समाप्त होने से एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन इसकी अवधि पांच बार बढायी गयी और अंत में यह तय किया गया कि समिति 2018 में शीतकालीन सत्र समाप्त होने से एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट देगी। समिति ने गत 4 जनवरी को इस विधेयक को मंजूरी दी। 

समिति में बहुमत से मंजूर इस विधेयक के विरोध में कुछ सदस्यों ने असहमति का नोट लिखे हैं। इस विधेयक को सत्र के अंतिम दिन यानी मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। 

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