बिहार के सरकारी अस्पतालों की बदलेगी सूरत, हटाया जाएगा कबाड़

बिहार में सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त, व्यवस्थित करने को लेकर अब सरकार ने पहल प्रारंभ कर दी है। सरकार ने अब इन सरकारी अस्पतालों में गैर जरूरी समानों को हटाने का निर्णय लिया है;

Update: 2021-07-27 00:24 GMT

पटना। बिहार में सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त, व्यवस्थित करने को लेकर अब सरकार ने पहल प्रारंभ कर दी है। सरकार ने अब इन सरकारी अस्पतालों में गैर जरूरी समानों को हटाने का निर्णय लिया है। सरकार की प्राथमिकता अस्पतालों में लोगों के इलाज के साथ-साथ उसकी सूरत बदलने की है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अस्पतालों में यत्र-तत्र फैले कबाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने भारत सरकार के उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है।

उन्होंने कहा कि यह ई नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से बेकार पड़ी सामग्रियों का निपटारा करेगा। पांडेय ने कहा कि पुराने एंबुलेंस, टूटी-फूटी मेजों, कुर्सियांे, बेडों, खराब उपकरण और इस तरह के अन्य कबाड़ ने परिसर में न केवल अनावश्यक रूप से जगह घेर रखी है, बल्कि पीएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के परिसर को भी गंदा कर रहा है।

पांडेय ने कहा कि अप्रैल 2021 में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है। स्क्रैप सामग्री के निपटाने की प्रक्रिया को क्रियान्वित करते समय सभी मौजूदा नियमों और मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

कबाड़ का भौतिक सत्यापन और अनुपयोगी वस्तुओं की सूची तैयार करने के लिए जिला मेडिकल कॉलेज और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर समितियां गठित की गई हैं।

ई नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुशंसित सूचियां एमएसटीसी को भेजी जाएंगी।

जिला स्तर की समितियों की अध्यक्षता सिविल सर्जन करेंगे, जबकि मेडिकल कॉलेजों एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में गठित समितियों की अध्यक्षता क्रमश: प्राचार्य और अधीक्षक करेंगे।

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