थप्पड़ जड़ने वाले को माफी, परचे फेंकने वाले को 30 दिन की जेल

दिल्ली विधानसभा के चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2013 में एक ऑटो चालक ने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के गाल पर तमाचा जड़ा था;

Update: 2017-06-28 23:26 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2013 में एक ऑटो चालक ने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के गाल पर तमाचा जड़ा था और केजरीवाल ने उसके घर पहुंच कर उसे माफ कर दिया। इससे पहले उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर जूता उछालने वाले जरनैल सिंह को विधानसभा में उम्मीदवार बनाकर भी इस प्रतीकात्मक विरोध को प्रोत्साहित किया लेकिन आज उन्हीं की पार्टी के एक पूर्व प्रत्याशी ने महज कागज क्या उछाले उसे विधायकों ने पहले तो पीटा फिर प्रस्ताव लाकर जेल भेजने पर मुहर लगा दी गई।

इस सवाल पर कपिल मिश्रा कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन भ्रष्टहैं और वे सत्ता की भाषा बोल रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि आज दिल्ली विधानसभा सदन में जो अराजकता एवं हिंसा हुई उसके लिये अरविंद केजरीवाल सरकार एवं दल का अहंकार जिम्मेदार है।

तिवारी ने कहा है कि आज छोटे से विरोध के बाद विधानसभा में जो कुछ देखने को मिला वह दर्शाता है कि अरविंद केजरीवाल दल को किसी भी प्रकार का लोकतांत्रिक विरोध सहन नहीं है। किसी भी विधानसभा सदन या संसद सदन में विरोध पर्चें फेंके जाने की आज कोई पहली घटना नहीं हुई, इससे पहले भी ऐसी घटनायें अनेक बार हुई हैं पर कभी भी इस तरह की हिंसा नहीं देखी गई जैसी आज सत्ताधारी दल के विधायकों आदि ने की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने भी आज दिल्ली विधानसभा में दो युवकों द्वारा कागजों के हवाई जहाज बनाकर दिल्ली सरकार के मंत्री सतेन्द्र जैन पर फेंके जाने पर उन युवको को विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा एक महीने की जेल की सजा सुनाने को दिल्ली विधानसभा के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

भाजपा विधायकों ने मांग की है कि जिन आप विधायकों ने दोषी आगन्तुकों की पिटाई कर कानून अपने हाथ में लिया, उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। दोषी आगन्तुकों को आनन फानन में 30 दिनों की जेल परन्तु जिन आप विधायकों ने उनकी पिटाई कर कानून अपने हाथ में लिया उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा गया।

भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा को भी आज तब मार्शलों से बाहर करवा दिया गया जब उन्होंने अरविंद केजरीवाल के बयान पर ऐतराज जताया। केजरीवाल ने उन्हें बच्चे की तरह फुदकने वाला कह दिया। इस पर सिरसा ने विरोध जताया और गतिरोध बढ़ता देख स्पीकर ने उन्हें बाहर कर दिया। इसके बाद उन्होंने विधायकों से दो टूक कहा कि फोन पर किसी भी आगन्तुक का पास नहीं बनाया जाएगा। विधायक के हस्ताक्षर, मुहर जरूरी होगी तो वहीं आगन्तुक भी अपने परिचय पत्र साथ रखें। हां, स्पीकर ने एक विधायक द्वारा आकर्षित करवाने पर मंत्रियों को निर्देश दिया कि जिस मुद्दे पर चर्चा हो उससे संबंधित सचिव, मुख्य सचिव कम से कम अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहें।

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