अन्ना हजारे ने दी मोदी को धमकी, कहा-लोकपाल लाएं वरना आन्दोलन झेलने के लिए रहें तैयार
सत्ता में आने के पहले आपने देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही थी, आज भी नए भारत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करने का संकल्प करने हेतु आप बड़े-बड़े वि;
समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन के मूड में आ गए हैं और इस बार उन्होंने लोकपाल, लोकायुक्त और किसानों के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने की तयारी में हैं। बार-बार चिट्ठी का जवाब नहीं मिलने पर अन्ना ने मोदी सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है...4 पन्नों के आखिरी खत में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी मांगें जल्द पूरी करें, नहीं तो अगली चिट्ठी आंदोलन की जगह और स्थान वाली होगी।
चार पन्नों के इस पत्र में अन्ना ने पीएम मोदी को लिखा है कि-
-आपकी सरकार का सत्ता में आने के बाद से 2014 में 28 अगस्त और 18 अक्टूबर को उसके बाद 1 जनवरी 2015, 1 जनवरी 2016, 19 जनवरी 2017, 28 मार्च 2017 और 30 अगस्त 2017 को हमने लगातार पत्राचार किया, पर आपकी तरफ से ना तो कोई जबाव आया, न ही कोई कार्रवाई की गई।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए आंदोलन के कारण 42 साल बाद तत्कालीन सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्त का कानून 17 दिसम्बर 2013 को राज्यसभा में और 18 दिसम्बर 2013 को लोकसभा में बहुमत से पास किया था, 1 जनवरी को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। उस समय मुख्य विपक्षी दल के तौर पर भाजपा ने इसका समर्थन किया था।
- अन्ना ने मोदी के नाम अपने पत्र में आगे लिखा है कि..सत्ता में आने के पहले आपने देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही थी, आज भी नए भारत के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण करने का संकल्प करने हेतु आप बड़े-बड़े विज्ञापन के माध्यम से जनता को संदेश दे रहे हैं, पर सच यह है, देश में बिना रिश्वत जनता का काम नहीं होता। जनता यह प्रतिदिन अनुभव कर रही है।
- लोकपाल और लोकायुक्त कानून के अमल से 50 से 60 फीसदी भ्रष्टाचार पर रोकथाम लग सकती है, फिर भी आप इस कानून पर अमल नहीं कर रहे हैं।
- जनता में सिर्फ संकल्प करने से नहीं बल्कि कानून के आधार पर उनके हाथों में अधिकार दिए जाने से भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनेगा।
- संसद में नेता विपक्ष ना होने के कारण लोकायुक्त और लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर सकते ऐसा आपकी सरकार का कहना है, जबकि कानून में प्रावधान यह है, कि लोकपाल चुनाव कमेटी में कोई पद रिक्त होने से अध्यक्ष अथवा सदस्य की नियुक्ति अवैध नहीं होगी। जिन राज्यों में आपकी पार्टी की सरकार है, वहां भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा रही है।
- हाल ही में आपकी पार्टी ने वित्त विधेयक 2017 को धन विधेयक के रुप में पेश कर राजनैतिक दलों को उद्योगपतियों द्वारा दिए जाने वाले चंदे की 7.5 फीसदी सीमा हटाई गई है, अब कंपनी जितना चाहे, उतना चंदा राजनैतिक दलों को दे सकती है, इससे लोकतंत्र नहीं, पार्टी तंत्र मजबूत होगा।
- अपने पत्र में उन्होंने राजनैतिक दलों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने, किसानों को फसल की सही दाम देने के लिए स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करने, जल जंगल जमीन का अधिकार ग्राम सभा को देने का कानून बनाने की बात भी कही है।
अन्ना ने यह चिट्ठी पीएम मोदी के साथ-साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी भेजी है।