आंगनबाड़ीकर्मियों ने भरी हुंकार, हड़ताल पर कायम

 सरकारी कर्मचारी घोषित करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 18 हजार व सहायिका को प्रतिमाह 9 हजार वेतन देने सहित 10 मांगों के लिए पिछले 15 से भी अधिक दिनों से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठी;

Update: 2017-12-09 12:15 GMT

कोरबा।  सरकारी कर्मचारी घोषित करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 18 हजार व सहायिका को प्रतिमाह 9 हजार वेतन देने सहित 10 मांगों के लिए पिछले 15 से भी अधिक दिनों से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने गुरुवार को महारैली निकाली। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ये सभी हड़ताल पर कायम हैं।

जिला व ब्लॉक स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 18 नवंबर से बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने सैकड़ों की संख्या में आज घंटाघर चौक में उपस्थिति दर्ज करायी। यहां संबोधन के बाद दोपहर लगभग 2 बजे रैली की शक्ल में ये सभी कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। लगभग पौन किलोमीटर लंबी रैली में इनका उत्साह देखते ही बनता था। यह रैली कोसाबाड़ी चौक पहुंची, जहां पहले से मौजूद सिटी मजिस्टे्रट नेपाल सिंह नैरोजी एवं महिला बालविकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एपी किस्पोट्टा को मुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास विभाग के सचिव के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।

यहां कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा अपनी मांगों के लिए नारा बुलंद किया गया व किसी संतोषप्रद जवाब के इंतजार में सड़क पर कुछ देर बैठकर नारे लगाए गए। इस दौरान सड़क के दोनों ओर यातायात कुछ देर के लिए थम गया था जिसे सुचारू कराया गया। ज्ञापन सौंपने के बाद सभी वापस घंटाघर चौक धरना स्थल पर लौटे। महारैली में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी सत्येंद्र दुबे, एटक के प्रांतीय महासचिव हरिनाथ सिंह, वाईके वर्मा सहित अन्य ने भी शामिल होकर समर्थन दिया।

शासन को प्रेषित कर चुके है मांग पत्र, दबाव नहीं निर्देश का पालन

कोसाबाड़ी चौक पर ज्ञापन लेने उपरांत मीडिया से चर्चा में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री किस्पोट्टा ने बताया कि इनकी 10 मांगों को पहले ही शासन को प्रेषित किया जा चुका है और उन्हीं मांगों के लिए हड़ताल कर रहे हैं। 80 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित होने का दावा करते हुए कहा कि महारैली में शामिल होने ये लोग इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे हंै। कार्यवाही के सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि 300 दिवस पोषण आहार बच्चों को देना है और प्रभावित होने पर कार्यवाही किया जाना है। किसी पर लौटने के लिए दबाव नहीं बनाया जा रहा बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी योजना लगातार प्रभावित होती है तो कार्रवाई की जाएगी। 

शासन को हड़ताल की सूचना दी गई है और उनके निर्देश पर स्थानीय प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। यह सवाल कि जब कार्यकर्ताओं से चाबी लेकर अथवा ताला तोड़कर समूहो को प्रभार सौंपा गया है और विभाग केन्द्रों का संचालन निर्बाध होने का दावा कर रहा है तब कार्यकर्ता व सहायिकाओं पर बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई और हड़ताल खत्म कराने पर जोर क्यों दिया जा रहा है, इस सवाल का जवाब वे टाल गए।

किसी एक की नौकरी गई तो सब देंगे सामूहिक इस्तीफा

महारैली के बाद सिटी मजिस्ट्रेट श्री नैरोजी व श्री किस्पोट्टा के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका महासंघ के प्रतिनिधि मंडल में शामिल सुचित्रा मानिकपुरी, अनुराधा राव, अंजली पटेल, मीना सोनी व संजू शर्मा की चर्चा हुई। अधिकारियों ने मांग पूरी होने तक आंदोलन स्थगित करने का अग्राह करते हुए कहा कि हम माध्यम हैं और कोई भी मांग इतनी जल्दी पूरी नहीं होती। बातों ही बातों में यह स्वीकार किया कि कार्यकर्ता, सहायिका के बिना केन्द्र का संचालन सुचारू रूप से हो पा रहा है।

प्रतिनिधियों ने वर्ष 2015 में हड़ताल के बाद मांगों को लेकर कोई जवाब नहीं मिलने का जिक्र करते हुए हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया। वापस घंटाघर चौक लौटकर इसकी जानकारी समस्त कार्यकर्ता व सहायिकाओं को दी। ऐलान किया गया किसी भी कार्यकर्ता या सहायिका को बर्खास्त किया जाएगा तो सभी सामूहिक इस्तीफा देंगे। समस्त ब्लॉक व परियोजना स्तर पर एकजुट होकर किसी सकारात्म नतीजे के आने तक यह हड़ताल जारी रहेगी। साथ ही बर्खास्तगी के संबंध में परियोजना कार्यालय से जारी नोटिस का जवाब देने की भी बात कही गई।

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