आंगनबाड़ी के बच्चे स्कूल जाने किए जांएगे तैयार
जिले के भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रो को अब निकट के प्राइमरी स्कूल कैंपस में लगया जाएगा ताकि बच्चे प्राथमिक स्कूल में जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें;
बिलासपुर। जिले के भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रो को अब निकट के प्राइमरी स्कूल कैंपस में लगया जाएगा ताकि बच्चे प्राथमिक स्कूल में जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें। इस तरह आंगनबाड़ी केंद्रो को प्री प्राथमिक स्कूल के तर्ज पर संचालित किया जाएगा। बच्चे अब खेल-खेल में क, ख, ग सीख सकेंगे। इसके लिए शासन द्वारा संबंधित बाल विकास अधिकारियों को स्कूलों में कमरे की व्यवस्था करने का निर्देश दिए गए है। शासन के आदेश के बाद अधिकारी इस व्यवस्था में जुट गए है।
गौरतलब है कि जिले में लगभग तीन हजार आंगनबाड़ी केंद्र है सभी को शासन द्वारा प्राइमरी स्कूल प्रांगण में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। शासन का उद्देश्य है कि प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में कम हो रही बच्चों की संख्या को भी बढ़ाया जा सके क्योंकि जो बच्चे स्कूलों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में जाएंगे, उन्हें चार-पांच वर्ष के बाद प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अभी स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाती है। बच्चों केंद्र में बैठने की आदत के साथ-साथ विभिन्न तरीके से उपयोगी जानकारी दी जाती थी।
कई आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में
जिले में संचालित कई आंगनबाड़ियों को किराया के भवनों में चलाया जा रहा है। भवन की समस्या आज भी ज्यों का त्यों है। कई भवन तो जर्जर हालत् में है। आंगनबाड़ियों की स्थिति इतनी खराब है कि कई जगह प्रार्थना तक नहीं होती और न ही समय से खुलते पाता है। बच्चों की उपस्थिति आंगनबाड़ी में रहे या न रहे रजिस्टर में उपस्थिति की खानापूर्ति जरूर रहती है।
केंद्र में साफ-सफाई पर भी कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है कई अभिभावक इन्हीं सब कारणों से अपने बच्चों आंगनबाड़ी नहीं भेजते है।
भवन की समस्या हागी दूर
शासन के निर्देशानुसार पूर्व प्राथमिक शिक्षा में सुधार के दृष्टि से किराए के भवनों में संचालित अंागनबाड़ी केंद्रों को उनके निकटस्थ प्राथमिक शालाओं में स्थानांतरित किया जाना है। स्थानांतरण से आंगनबाड़ी केंद्रों की बसाहट में परिवर्तन न होने पाए इसका ध्यान रखा जाएगा। इससे बच्चें मानसिक रूप से स्कूल जाने के लिए तैयार होंगे।
अनौपचारिक शिक्षा का बनेगा वातावरण
जिले के सभी भवन विहीन आंगनबाड़ियों को निकट के प्राइमरी स्कूल कैंपस मेंं लगाया जाएगा। एक तरह से इन आंगनबाड़ी केंद्रों को अब प्री प्राइमरी स्कूलों के तर्ज पर संचालित किया जाएगा। बच्चों को अब प्राइमरी स्कूल में जाने के पहले ही मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा। इसके लिए कार्यकर्ताओं अनौपचारिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।