अनंत कुमार हेगड़े ने दी अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी पर सफाई

केन्द्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान को लेकर की गयी टिप्पणियों को लेकर सरकार लोकसभा में रक्षात्मक मुद्रा में नज़र आयी;

Update: 2017-12-27 15:25 GMT

नयी दिल्ली। केन्द्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान को लेकर की गयी टिप्पणियों को लेकर सरकार लोकसभा में रक्षात्मक मुद्रा में नज़र आयी और उसने साफ किया कि सरकार का एकमात्र पवित्र ग्रंथ डॉ. अंबेडकर रचित संविधान है और सत्तापक्ष की उसमें अटूट श्रद्धा है। 

लोकसभा में आज दिन भर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने श्री हेगड़े के बयान का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने सफाई दी कि श्री खड़गे अत्यंत अनुभवी नेता हैं लेकिन वह गड़े के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं जो उचित नहीं है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार बार कहते रहे हैं कि इस देश में एकमात्र पवित्र ग्रंथ डॉ. अंबेडकर रचित भारतीय संविधान है जिस पर हमें अटूट श्रद्धा है और नतमस्तक हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने डॉ. अंबेडकर के साथ हमेशा पक्षपात किया, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका, उन्हें चुनाव हरवाया जबकि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी उन्हें राज्यसभा में लेकर आए। 

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को 1989 की विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने भारत रत्न की उपाधि दी जिसे श्री अटलबिहारी वाजपेयी और श्री लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा ने समर्थन दिया था। इसके अलावा श्री मोदी की सरकार ने डॉ. अंबेडकर की जन्मभूमि, कर्मभूमि, दीक्षाभूमि, लंदन स्थित आवास और समाधि इन पांचों स्थानों को अंबेडकर तीर्थ के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता को सही अर्थ में भाजपा ने अपनाया जबकि कांग्रेस ने छद्म धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया।

अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी को लेकर सरकार पर दबाव डालती रही थी लेकिन कांग्रेस सदस्य इस सत्र में मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय बार बार बीचाेंबीच आकर सदन को बाधित कर रहे हैं अौर बर्हिगमन कर रहे हैं। यह तरीका ठीक नहीं है। उन्हें सदन में बैठ कर सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।

इससे पहले श्री खड़गे ने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बाद आज़ाद भारत में डाॅ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा बनी। प. जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल आदि सारे प्रमुख नेताओं ने चर्चा करके संविधान का निर्माण किया। लेकिन इस सरकार के एक मंत्री ने संविधान के बारे में अपशब्द कहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को मानने वालों को अपने रक्त संबंध एवं पूर्वजों का ज्ञान नहीं है। श्री खड़गे ने कहा कि मंत्री ने संविधान में संशोधन करके धर्मनिरपेक्षता को हटाये जाने की भी बात कही है।

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