अमेठी-रायबरेली में कांटे की टक्कर

रायबरेली गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के कब्जे में है। गांधी परिवार की 68 साल पुरानी सीट के पहले सांसद फिरोज गांधी थे;

Update: 2019-05-04 02:25 GMT

अमेठी। रायबरेली गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के कब्जे में है। गांधी परिवार की 68 साल पुरानी सीट के पहले सांसद फिरोज गांधी थे। इसके बाद राजनीति में दुनिया की सबसे ताकतवर और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी रायबरेली से तीन बार सांसद थी। अब इंदिरा गाधी की बड़ी बहू राजनीति की ताकतवर महिलाओं में शुमार सोनिया गांधी चार बार से रायबरेली की सांसद हैं। इनका मुकाबला भाजपा के दिनेश सिंह से है। दिनेश सिंह एक साल पहले तक गांधी परिवार के बहुत करीब थे।

जिससे सोनिया गांधी ने दिनेश सिंह को निर्विरोध एमएलसी बनाया था। बाकी इनके दो भाई राकेश सिंह को कांग्रेस का विधायक और अवधेश सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया था। लेकिन तीनों भाई दल बदलकर भाजपा में हैं। जिससे दिनेश सिंह प्रियंका गांधी के निशाने पर हैं। रायबरेली में 16 चुनाव कांग्रेस अकेले जीती है।

इसमें 9 सांसद गांधी परिवार के जुड़े है। बाकी गांधी परिवार के नाम पर सांसद बने थे। सोनिया गांधी सबसे ज्यादा चार बार रायबरेली से सांसद बन चुकी हैं। अब पांचवी बार उम्मीदवार बनी हैं। रायबरेली के दो सांसद भाजपा के और एक जनता पार्टी के बने थे। रायबरेली में 1977 का चुनाव इंदिरा गांधी हार गई थी।

सोनिया गांधी की चुनाव मैनेजर इनकी बेटी प्रियंका गांधी हैं। प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली में दिन रात चुनाव प्रचार में जुटी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर थी। इसके बाद रायबरेली में कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं थे। लेकिन सोनिया गांधी को 5,26,434 वोट पड़े थे। जबकि भाजपा के अजय अग्रवाल को 1,73,721 और बसपा के प्रवेश सिंह को 63,633 वोट मिले थे। इस चुनाव में सपा बसपा के उम्मीदवार नहीं हैं। दिनेश सिंह मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

जबकि वे एक साल पहले कांग्रेस से दल बदलकर भाजपा में आए हैं। इनके खिलाफ सदन में दल बदल के मुकदमें हैं। जिससे प्रियंका गांधी के निशाने पर हैं। दिनेश सिंह के साथ इनके दो भाई हरचंदपुर के विधायक राकेश सिंह और जिलापंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह दोनों कांग्रेस से दल बदलकर भाजपा के चुनाव प्रचार में हैं। 
 

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