शौचालय निर्माण में अनियमितता का आरोप
ग्राम पंचायत चीतविश्रामपुर के ग्रामीणों ने जनपद पंचायत बलरामपुर पहुंच कर जनपद का किया घेराव तथा जड़ा ताला;
बलरामपुर। ग्राम पंचायत चीतविश्रामपुर के ग्रामीणों ने जनपद पंचायत बलरामपुर पहुंच कर जनपद का किया घेराव तथा जड़ा ताला। किसानों ने कहा सरपंच की बिना जानकारी के जनपद पंचायत सी ई ओ और पी ई ओ के मिली भगत से लाखों रुपये की निकासी। दो साल से ग्रामीण काट रहे हैं कार्यलयों का चक्कर पर किसी आला अधिकारी ने ग्रामीणों की गुहार नहीं सुनी।
आज चीतविश्रामपुर के सरपंच तथा ग्रामीणों के साथ जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव, भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष दिलीप सोनी ने मिलकर जनपद पंचायत बलरामपुर कार्यालय जाकर शौचालय निर्माण जनपद पंचायत सीईओ और पीईओ के मिलीभगत से किए गए भारी घोटाले के विरुद्ध कार्यालय में ताला जड़ा। ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन तथा ताले जड़ने की बात जानकर दोनों अधिकार सीईओ और पीईओ का कहना है कि पिछले दो वर्ष पहले उन्होंने सरपंच के निवेदन से शौचालय बनाने के लिए ईंट दिए थे जिसमें कहा गया था कि उनका भुगतान नगद और जल्द ही किया जाएगा, परंतु आज तक नहीं हो पाया है।
इस बात की गुहार उन्होंने कई बार लिखित रूप से ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत में की परंतु किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने गुहार नहीं सुनी ना ही उस पर कोई ध्यान दिया। सरपंच ने पत्रकारों से बात कर कहा कि ग्रामीण मेरे पास अपनी गुहार लगाते थे और मैं जनपद में परंतु जब दो साल बीत गए और लोग मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो अपने बेटों की तथा कुछ जागरूक ग्रामीणों की सहायता से पड़ताल कराया तो पता चला है कि सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर के लाखों रुपये का बिल भुगतान किया जा चुका है जिसके विषय में मुझे जिसकी कोई भी जानकारी नहीं है।
सरपंच ने कुछ बिल दिखाते हुए पत्रकारों से कहा कि ये सारे फर्जी ढंग से हस्ताक्षर किए हुए बिल हैं जिसमें मैंने हस्ताक्षर नहीं किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सचिव भी अधिकारियों के साथ मिले हुए हैं जिन्होंने इस बड़े पैमाने में हुए भ्रष्टाचार में अधिकारियों की सहायता ही हैं, क्योंकि ग्राम पंचायत सरपंच ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि शौचालय निर्माण में भारी गड़बड़ी की गयी है और भारत सरकार का चीतविश्रामपुर के ग्राम तथा निकटवर्ती क्षेत्र में ओडीएफ योजना भ्रष्टाचार के हत्थे चढ़ गयी है परंतु अधिकारी काग़जी कार्यवाही कर ग्रामों को ओडीएफ घोषित कर दिया है। सरपंच तथा ग्रामीण धरना में बैठे हैं उनका कहना है कि जब तक उन्हें पूर्ण आश्वस्त नहीं कर दिया जाता कि उनकी राशि उन्हे मिल जाएगी तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे और फिर भी किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के कान पे जू तक नहीं रेंगा तो ग्रामीणों ने बड़ी आंदोलन की चेतावनी दी है।