संतो के राज्य मंत्री का ओहदा लेने की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने की निंदा

साधु-संतो की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मध्य प्रदेश में संतो के राज्य मंत्री का ओहदा लेने की निंदा की है;

Update: 2018-04-05 16:37 GMT

इलाहाबाद। साधु-संतो की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मध्य प्रदेश में संतो के राज्य मंत्री का ओहदा लेने की निंदा की है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने आज यहां कहा कि संत का दर्जा किसी भी मंत्री से कहीं ऊपर होता है। संतों को इस प्रलोभन को ठुकराना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर समाज में संतों के प्रति सम्मान निश्चित तौर पर घटेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने संत समाज को इस प्रकार का प्रलोभन देकर निश्चित तौर पर निंदनीय कार्य किया है।

महंत ने कहा कि यदि संत मंत्री हो जाये तो कैसा सम्मान। मंत्री को संत होना चाहिए और संतो को राज्य वैभव से अपने को दूर रखना चाहिए। सत्ता संतो के लिए नहीं होती और उन्हें परोककार के लिए किसी पद की आवश्यकता भी नहीं होनी चाहिए।

पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के श्रीमहन्त महेश्वर दास ने कहा कि संत का सत्य के मार्ग का पालन और जन कल्याण के हित की बात सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रलोभन और संत का कोई मेल नहीं है। संत के लिए माया, प्रलोभन इत्यादि विष्ठा के समान है।
 

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