झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई
गरीबी और अभाव में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगो को बीमारी के नाम पर उनका इलाज कर मोटी रकम एंठने वाले झोला छाप डॉक्टरों पर अंतत: प्रशासन ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ;
पत्थलगांव। गरीबी और अभाव में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगो को बीमारी के नाम पर उनका इलाज कर मोटी रकम एंठने वाले झोला छाप डॉक्टरों पर अंतत: प्रशासन ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पत्थलगांव तहसीलदार मायानंद चन्द्रा द्वारा यहां के कुछ झोला छाप डॉक्टरो के क्लिीनिक सील किए गए।
रविवार को प्रशासन की इस कार्यवाही को आगे बढाते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम एंव तहसीलदार द्वारा पाकरगांव के एक झोला छाप डॉक्टर की क्लिीनिक को भी सील कर दिया है। बताया जाता है कि आज इस कार्यवाही की भनक लगने से पहले यहां के कई झोला छाप डॉक्टर सुबह से ही अपने क्लिीनिको में ताला जड भाग खेडे हुए हैं।
यहां तक कि पाकरगं में स्वास्थ्य विभाग की टीम एंव तहसीलदार को देखकर वहां का झोलाछाप डॉक्टर अपना क्लिीनिक छोडकर भागने लगा था, जिसे बाद में दौडाकर पकड लिया गया। दरअसल क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरो की भरमार सी हो गई है। ये उडीसा, बंगाल, यूपी, बिहार से फर्जी कागजातों के माध्यम से यहां आकर अपनी दुकान संचालित कर रहे हैं। विगत दिनो पत्रिका ने झोलाछाप डॉक्टरों की करनी को प्रमुखता से उजागर किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आते हुए अब झोलाछाप डॉक्टरो पर नकेल कसनी शुरू कर दी है।
पत्थलगांव ब्लाक के दर्जनो गांव में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अपने सैकडो क्लिीनिक संचालित किए जा रहे हैं। इनके पास ना तो राज्य शासन की अनुमति है और ना ही इनके पास डॉक्टरी करने के लिए जरूरी दस्तावेज, पर इसके बाद भी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर धडल्ले से अपने क्लिीनिक संचालित कर गरीब मरीजो की जान मान से खिलवाड कर रहे हैं। यहां के तमता, खरकट्टा, मिर्जापुर में दर्जनो ऐसे झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं जो गरीब तबका के मरीजो का इलाज करने के नाम पर उनकी जमीन जायदाद भी अपने नाम करा लेते हैं।