सरिता की मौत के बाद जांच टीम पहुंची अभिषेक इण्डस्ट्रीज

कुछ दिनों पूर्व जिला अस्पताल में ईलाज हेतु भर्ती महिला मजदूर की मौत को लेकर परिजनों ने नीजि उद्योग के विरूद्ध गंभीर आरोप लगाते हुये मौत की वजह सिलिका डस्ट के इंफेक्शन को बताया है.....;

Update: 2017-06-02 11:23 GMT

परिजनों ने कलेक्टर जनदर्शन में की थी शिकायत 
 

जांजगीर। कुछ दिनों पूर्व जिला अस्पताल में ईलाज हेतु भर्ती महिला मजदूर की मौत को लेकर परिजनों ने नीजि उद्योग के विरूद्ध गंभीर आरोप लगाते हुये मौत की वजह सिलिका डस्ट के इंफेक्शन को बताया है। जिसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में परिजनों ने की थी। इसी मामले पर आज संयुक्त जांच टीम अभिषेक इंडस्ट्रीज पहुंची थी, जहां करीब तीन घंटे से अधिक समय तक जांच कार्रवाई उपरांत टीम वापस लौट आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिसर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी एवं सिलिकान डस्ट को नियंत्रित करने के उपायों में गंभीर खामिया पाई गई है। अब देखना होगा कि जांच प्रतिवेदन जो कि कलेक्टर को सौंपा जाना है उसमें क्या कुछ निकलकर सामने आता है। और संचालित उद्योग के विरूद्ध प्रशासन का रवैया क्या होगा। 

ग्राम सरखों निवासी महिला मजदूर सरिता चौहान की मौत गत 21 मई को जिला अस्पताल में ईलाज के दौरान हो गई थी। मृतिका ने अपने मौत से पूर्व अभिषेक इण्डस्ट्रीज के विरूद्ध प्रदूषण को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुये उद्योग में सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी की बात कही थी। साथ ही उद्योग द्वारा बीमारी में ईलाज हेतु मांगी गई आर्थिक सहायता से भी इंकार करने का आरोप लगाया था। उधर सरिता की मौत के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में करते हुये प्रबंधन के विरूद्ध मामला दर्ज करने एवं मृतिका के परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की थी। इसी को लेकर जिला प्रशासन ने एक संयुक्त जांच दल चांपा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा के नेतृत्व में गठित की थी, जिसमें औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के डायरेक्टर आशुतोष पाण्डेय, श्रम विभाग के अधिकारी शामिल थे।

 ज्ञात हो कि चांपा स्थित अभिषेक इंडस्ट्रीज में गत 21 मई को सरखों निवासी महिला मजदूर सरिता चौहान की मौत हो गई थी, जो इंडस्ट्रीज में 6 सालों से कार्यरत थी। कार्य के दौरान सरिता को लाइलाज सिलीकोसिस की बीमारी सामने आई थी, जिसे लेकर उनके द्वारा चांपा अस्पताल में इलाज कराई जा रही थी और फैक्ट्री प्रबंधन से भी अपनी बीमारी के बारे में बताकर सहायता मांगी गई थी, किन्तु उन्हें कोई सहायता नहीं मिल सकी और फैक्ट्री मजदूर सरिता चौहान की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद परिजनों द्वारा उक्ताशय के मामले को लेकर जिला प्रशासन, श्रम विभाग सहित अन्य प्रशासनिक अमले से शिकायत कर मौत की मामले की जांच व सहायता की मांग की गई थी।
 

स्वास्थ्य व सुरक्षा में खामियां 
सरिता चौहान की मौत के बाद विवाद में आये बिर्रा फाटक चांपा के पास स्थित संचालित इंडस्ट्रीज परिसर में पांच उद्योग संचालित होने की जानकारी सामने आई है। जिसे अंकूर इण्डस्ट्रीज, अरविन्द इण्डस्ट्रीज व तिरूपति रिफाईनरीज इण्डस्ट्रीज के नाम से संचालित किया जा रहा है, जहां काम करने वाले मजदूरों का स्थायी रिकार्ड रखने के बजाय कच्चे रिकार्ड के आधार पर हाजरी व भुगतान किया जाता है। 

इसके अलावा सुरक्षा व स्वास्थ्य के मापदण्डों में गंभीर खामियां पाई गई है। जिससे मजदूरों के स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सूत्रों की माने तो बहुत जल्द इसके लिए कंपनी को नोटिस जारी किया जा सकता है। 
 

जांच की गई है-एसडीएम
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी चांपा युगल किशोर उर्वशा ने बताया कि अभिषेक इण्डस्ट्रीज के विरूद्ध मिली शिकायत के आधार पर आज संयुक्त जांच टीम द्वारा प्रदूषण स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के तहत निरीक्षण किया गया है, जिसका जांच प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर को सौपा जायेगा। इससे ज्यादा फिलहाल कुछ कहना उचित नहीं है। 
 

 छजकां का धरना-प्रदर्शन आज 
सरिता चौहान की मौत को लेकर आज छजकां द्वारा स्थानीय कचहरी चौक में धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा जावेगा। यह आयोजन दोपहर 12 बजे रखा गया है, जिसमें चांपा स्थित अभिषेक इंडस्ट्रीज में मजदूर सरिता चौहान के परिजनों को 50 लाख रूपए मुआवजा देने की मांग के साथ राज्यपाल के नाम न्यायिक जांच की मांग किया जावेगा। इस दौरान पार्टी पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर से उक्त मामले को लेकर चर्चा भी की जावेगी। 

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