आम आदमी पार्टी मुख्यालय बना पुलिस छावनी, देर शाम खत्म हुआ जमावड़ा
दिल्ली से राज्यसभा उम्मीदवार बनने की लड़ाई अब धीरे धीरे बदरंग होती जा रही है और आज आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कुमार विश्वास व आप के अन्य नेताओं के समर्थक खुल कर सामने आ गए;
नई दिल्ली। दिल्ली से राज्यसभा उम्मीदवार बनने की लड़ाई अब धीरे धीरे बदरंग होती जा रही है और आज आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कुमार विश्वास व आप के अन्य नेताओं के समर्थक खुल कर सामने आ गए।
दरअसल कुमार विश्वास खेमे के कई कार्यकर्ता यहां आए और कुमार को राज्यसभा भेजने की मुखर मांग रखी। जमकर नारेबाजी, गीत गाए गए तो सरकार समर्थक आप नेताओं ने पुलिस को बुला लिया और देर शाम तक दोनों पक्ष आमने सामने दिखे। बाद में कुमार विश्वास की अपील के बाद सभी कार्यकर्ताओं ने आप मुख्यालय को खाली कर दिया।
इसके बाद यह स्पष्टहो गया है कि आप के उम्मीदवार घोषित होने पर यदि कुमार खाली हाथ रहे तो वे निर्दलीय ताल ठोक सकते हैं। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्हें सात विधायकों के समर्थन चाहिए। जिसमें चार विधायक भाजपा के हैं तो वहीं आप के तीन विधायकों के इधर आने की संभावना से इनकार नहीं कियाजा सकता। इसमें कपिल मिश्रा, देवेंद्र सहरावत और पंकज पुष्कर के नाम हो सकते हैं। जबकि मटिया महल के विधायक आसिम अहमद खान सहित कुछ और नाम भी उनके साथ आ सकते हैं। इन हालात में चुनाव जरूरी हो जाएगा और आप के तीनों उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित नहीं हो सकेंगे।
साफ है कि 16 जनवरी को मतदान होने पर क्रॉस वोटिंग से बचना मुश्मिल हो जाएगा और भाजपा भी दिल्ली की रक्षा के नाम पर विधानसभा में चार सदस्यों के साथ अपना खेल खेलकर निर्दलीय उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचाकर आप का राज्यसभा में घेराव कर सकेगी। यह राजनीतिक अटकलें बेशक सच न हो लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम जरूर है। कुमार विश्वास को अपनी रणनीति बनाने के लिए कम से कम वक्त देने की योजना के तहत ही अरविंद केजरीवाल अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने के फैसले को आखिरी वक्त तक टाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार केजरीवाल परिवार के साथ नए साल की छुट्टियां मनाने के लिए बाहर जाने वाले हैं और वापिस आने के बाद ही नामों का फैसला राजनीतिक मामलों की समिति करेगी। दूसरी ओर पिछले कुछ महीनों में अचानक अति सक्रिय हुई दिल्ली महिला आयोग की स्वाती जयहिंद, यूपी के संजय सिंह के नाम भी मजबूत नामों में हैं अब देखना यह होगा कि केजरीवाल की आखिरी गेंद पर कुमार विश्वास कैसे प्रतिक्रिया देंगे।