सत्येंद्र जैन के खिलाफ विधानसभा में भारी हंगामा
दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र का पहला दिन आज हंगामेदार रहा। शहीदों को श्रद्घांजलि देने के बाद शुरू हुए सदन में विधायकों ने विशेष उल्लेख के दौरान अपने अपने इलाके की समस्याओं को उठाया;
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र का पहला दिन आज हंगामेदार रहा। शहीदों को श्रद्घांजलि देने के बाद शुरू हुए सदन में विधायकों ने विशेष उल्लेख के दौरान अपने अपने इलाके की समस्याओं को उठाया। इसी दौरान दर्शक दीर्घा से आम आदमी पार्टी के पूर्व उम्मीदवार ने अपने साथी के साथ पर्चियां उछालकर आम आदमी पार्टी सरकार के लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन से इस्तीफे करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने इस युवक को तुरंत दबोच लिया।
विधायक सौरभ भारद्वाज के प्रस्ताव पर समूचे सदन ने परचे फेंकने वाले युवकों को 30 दिन केलिए जेल भेजने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
प्रस्ताव पारित होने के बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने पर्चे फेंकने वाले युवक जगदीप राणा और उसके साथ राजन कुमार को हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया।
जगदीप राणा ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और वह सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोपों से नाराज था। हालांकि पुलिस जैसे ही जगदीप को दर्शक दीर्घा से लेकर सदन से बाहर जा रही थी कि आम आदमी पार्टी के नितिन त्यागी, जरनैल सिंह और अमानतउल्लाह खान सहित कुछ विधायकों ने पुलिस की पकड़ में ही जगदीप राणा के साथ मारपीट की और उसे विधायक लाउंज से निकाल कर स्पीकर रामनिवास गोयल की हस्तक्षेप के बाद एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल युवकों द्वारा नारेबाजी के दौरान सदन में नहीं थे।
पूरे घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी के विधायक व पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को घटना की जानकारी दी। उन्होंने घटना के बाद सदन से बाहर ट्वीट कर कहा कि बंद कमरे में उसकी हत्या का प्रयास किया गया। गुरूवार को स्पीकर से सजा माफी का आग्रह करूंगा कि उनका विरोध अहिंसात्मक, भ्रष्टाचार के खिलाफ था इसलिए उनकी सजा पर पुनर्विचार किया जाए।
दूसरी तरफ आज विधानसभा में विधि मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में 1970 व 1980 से लेकर 1983 के बीच में 20 सूत्री कार्यक्रमों के तहत दिए गए जमीन के पट्टों को मालिकाना हक देने संबंधी संकल्प पेश किया जिस पर कई विधायकों ने समर्थन दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे इस संकल्प पर सभी सदस्य उपराज्यपाल से मिल कर पूर्व उपराज्यपाल के फैसले को वापिस लें। यदि उपराज्यपाल नहीं माने तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू से मिल कर सभी किसानों को उनका हक दिलवाने का आग्रह करेंगे।