श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के मामले में 6 गिरफ्तार

कोलकाता में वाममोर्चा के एक छात्र संगठन के सदस्यों ने बुधवार को कथित तौर पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी और प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दी;

Update: 2018-03-07 14:06 GMT

कोलकाता।  कोलकाता में वाममोर्चा के एक छात्र संगठन के सदस्यों ने बुधवार को कथित तौर पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी और प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दी। पश्चिम बंगाल भाजपा ने यह कहा। पुलिस ने केओराटोला कब्रिस्तान में हुई इस घटना के मामले में समूह के छह सदस्यों को हिरासत में ले लिया है। 

#Correction West Bengal: Bharatiya Jana Sangh founder Syama Prasad Mukherjee's bust was vandalized in Kolkata's Kalighat pic.twitter.com/BENhueIgiK

— ANI (@ANI) March 7, 2018


 

Six people have been detained in connection with the desecration of Bharatiya Jana Sangh founder Syama Prasad Mukherjee's bust in Kolkata's Kalighat pic.twitter.com/erzPm44MvZ

— ANI (@ANI) March 7, 2018


 

राज्य में भाजपा नेतृत्व ने इस घटना की निंदा की है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि बंगाल की राजनीति में मुखर्जी के योगदान को मिटाया नहीं जा सकता।

पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव सयांतन बसु ने एक बयान में कहा, "हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के कृत्य की निंदा करते हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करते हैं और साथ ही यह संदेश भी देना चाहते हैं कि आप इस शर्मनाक कृत्य से पश्चिम बंगाल के निर्माण में मुखर्जी के योगदान को मिटा नहीं सकते।"

BJP #WestBengal condemns barbaric act of vandalising statue of the Bharatiya Jana Sangh Bharat Keshri's founder Dr Syama Prasad Mukherjee at Keoratola Mohasoshan, Kolkata. We demand very strong action against culprits: Sayantan Basu, General Secretary, WB BJP pic.twitter.com/3B8UTsA3oI

— ANI (@ANI) March 7, 2018


 

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा मुखर्जी की प्रतिमा का और शानदार ढंग से दोबारा निर्माण करेगी।

गौरतलब है कि प्रतिमाओं को गिराने का यह सिलसिला सोमवार को त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा ढहाए जाने के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ई.वी.आर.रामासामी की प्रतिमा ढहा दी गई और अब कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को नष्ट किया गया।

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