पूरी तरह से बेअसर रहा GST - पी. चितंबरम
श्री चिदम्बरम और श्री रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने आज के दिन पांच साल पहले जिस जीएसटी को लागू किया था वह पूर्ववर्ती सरकार की सिफारिशों वाला जीएसटी नहीं था।;
श्री चिदम्बरम और श्री रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने आज के दिन पांच साल पहले जिस जीएसटी को लागू किया था वह पूर्ववर्ती सरकार की सिफारिशों वाला जीएसटी नहीं था। पांच साल में जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में पूरी तरह से बेअसर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रणाली से केवल बड़ी कंपनियों, चार्टर्ड एकाउंटेंटों तथा जीएसटी वकीलों को ही फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के कारण सबसे ज्यादा नुकसान एमएसएमई को ही हुआ है। कांग्रेस नेताओं यह भी याद दिलाया कि उनके नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने जिस जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव किया था उसका उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे श्री नरेंद्र मोदी ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही अपना रुख बदल दिया और जीएसटी को सबसे अच्छी कर प्रणाली बताते हुए आधी संसद बुलाकर इसे लागू कर दिया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने जो जीएसटी प्रणाली दी है उसमें स्थिरता का अभाव है। पिछले पांच साल में जीएसटी परिषद ने जो काम किया है उसमें पूरी तरह से प्रधानमंत्री कार्यालय का वर्चस्व रहा है और वहां से जो फरमान आता वही लागू होता रहा है। जीएसटी परिषद में राज्यों की सुनवाई नहीं होती है और उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है। जीएसटी के तहत राजस्व क्षति पूर्ति व्यवस्था को और आगे तक बढाए जाने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन जीएसटी परिषद की हाल की बैठक में इस मुद्दे पर विचार तक नहीं किया गया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करते समय राज्यों को राजस्व में एक न्यूनतम स्तर से कम की वृद्धि होने पर क्षतिपूर्ति करने की कानूनी गारंटी प्रदान की थी। यह गारंटी पांच साल के लिए की थी और इसकी अवधि जून 2022 में पूरी हो गई। इसके लिए विशेष जीएसटी उपकर लागू करने की व्यवस्था की गई है।
जीएसटी परिषद की इसी सप्ताह चंडीगढ़ में हुई दो दिन की बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैठक में राजस्व क्षतिपूर्ति के विस्तार के मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें 15, 16 राज्यों ने भाग लिया और उसमें कई राज्य ऐसे भी थे जिनका कहना था कि इस बैसाखी के सहारे बहुत दिनों तक नहीं रहा जा सकता है।
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने जो जीएसटी लागू किया है वह संप्रग द्वारा प्रस्तावित जीएसटी से एकदम अलग है। जीएसटी को लागू करने को उन्होंने तुगलकी फरमान बताया और कहा कि मोदी सरकार ने एक जुलाई 2017 को आधी रात को जिस जीएसटी को लागू किया वह मूल जीएसटी नहीं था।