पीओके से 37 मेहमान कारवां-ए-अमन बस से आये कश्मीर

 वर्ष 1947 के विभाजन में अलग हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के 37 निवासी अपने परिजनों से मुलाकात करने के लिए कारवां-ए-अमन बस सेवा से यहां पहुंचे जबकि केवल छह कश्मीरी अपने परिजनों से मिलने;

Update: 2018-10-02 12:44 GMT

श्रीनगर।  वर्ष 1947 के विभाजन में अलग हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के 37 निवासी अपने परिजनों से मुलाकात करने के लिए कारवां-ए-अमन बस सेवा से यहां पहुंचे जबकि केवल छह कश्मीरी अपने परिजनों से मिलने सीमा पार गये। 

श्रीनगर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के बीच चलने वाली कारवां-ए-अमन बस से सोमवार को दोनों देशों के 23 लोग अपने परिजनों के साथ समय बिताने के बाद अपने-अपने वतन को लौट गये थे। 

आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि पीओके से 11 महिलाओं और तीन बच्चों समेत 37 नये अतिथि सोमवार शाम नियंत्रण रेखा पर उरी स्थित अंतिम भारतीय सैन्य चौकी ‘कमान पोस्ट’ पहुंच गये थे। दो कश्मीरी जो पीओके गये थे, वहां रुकने के बाद वापस लौट आये हैं। 
पांच महिलाओं समेत छह कश्मीरी अपने परिजनों से मुलाकात करने पीओके गये हैं जबकि पीओके से आयी 12 महिलाओं समेत 21 लोग अपने घरों को लौट चुके हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के लिए सात अप्रैल 2005 को शुरू की गयी इस बस से अब तक हजारों लोगों को अपने बिछड़े परिजनों से मुलाकात करने में मदद मिली है। कारवां-ए-अमन बस से बिना पासपोर्ट के यात्रा परमिट के आधार पर सीमा के दोनों ओर की यात्रा की जा सकती है।

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