ओमान में फंसे झारखंड के 30 मजदूर, मुख्यमंत्री सोरेन ने विदेश मंत्री से मांगी मदद

झारखंड के 30 मजदूर ओमान में पिछले सात महीने से बंधक बने हुए हैं।;

Update: 2020-02-21 18:17 GMT

नई दिल्ली | झारखंड के 30 मजदूर ओमान में पिछले सात महीने से बंधक बने हुए हैं। रोजी-रोटी कमाने ओमान गए मजूदरों को राजधानी मस्कट में बंदी बनाकर रखा गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन मजदूरों की वापसी के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिए ये मदद विदेश मंत्री से मांगी है। जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो जिले से 30 मजदूर रोजी-रोटी के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गए थे। ये सभी जिस कंपनी में काम करते हैं, उसने सबको एक कमरे में बंद कर रखा है और इन्हें भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना दिया जा रहा है।

विदेश मंत्री श्री.@DrSJaishankar जी से आग्रह है कि कृपया इस खबर के आलोक में ओमान में फंसे झारखण्ड के 30 लोगों की मदद हेतु .@Indemb_Muscat को निर्देशित करते हुए सहायता करें। साथ ही इन लोगों का शोषण करने वाली संबंधित कंपनी पर भी उचित कार्रवाई करने हेतु मैं आपसे आग्रह करता हूँ। https://t.co/VGieuFZbCM

— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 20, 2020

कंपनी ने सात महीने से उन्हें वेतन भी नहीं दिया है। जब भी वे लोग वेतन मांगते हैं, उन्हें धमकी दी जाती है। मजदूरों ने किसी तरह फोन कर परिजनों से संपर्क साधकर इस मामले की जानकारी दी है।

बताया गया है कि 2017 में हजारीबाग के विष्णुगढ़, गिरिडीह के बगोदर, बेरमो, नावाडीह, बोकारो और कोडरमा के मजदूरों को एक कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन में काम करने का लालच देकर ओमान ले जाया गया। जून-2019 तक काम के बदले थोड़ा-बहुत वेतन मिला। जुलाई से वेतन बंद कर दिया गया। तब से उन्हें न वेतन मिल रहा है और न ही भरपेट भोजन।

ओमान में प्रवासी ग्रुप के जरिए भी भारत के विदेश मंत्रालय को संदेश भेजा गया है। बताया गया है कि सबकी वीजा की अवधि खत्म हो गई है।

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