जजावल क्षेत्र में मिले मलेरिया के 203 मरीज

प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम जजावल में 203 मलेरिया के मरीज मिले जिनका उपचार मरीजो के घर पर किया गया;

Update: 2017-11-10 13:42 GMT

सूरजपुर।  प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम जजावल में 203 मलेरिया के मरीज मिले जिनका उपचार मरीजो के घर पर किया गया। बीएमओ के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मचारियों की बत्तीस टीम ने जजावल सेक्शन में जब घर-घर जाकर सर्वे किया तो इतनी बड़ी संख्या में मलेरिया के मरीज मिले। सामान्य लोगों को भी मलेरिया की दवाई खिलाई गयी। इस सर्वे और तत्काल इलाज के बाद जजावल क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है और संभावित खतरा टल गया है।

प्रतापपुर विकासखण्ड अंतर्गत जजावल क्षेत्र मलेरिया जोन माना जाता है, जहां हमेशा ही इस बीमारी का असर रहता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में ऐसी कोई पहल नहीं की गई थी जिससे मलेरिया की रोकथाम के साथ ग्रामीणों को उचित उपचार मिले। पूर्व की स्थिति और मौसम के कारण मलेरिया की संभावना को देखते कलेक्टर के0सी0 देवसेनापति के निर्देशन में बीएमओ डॉ. राजेश श्रेष्ठ ने जजावल क्षेत्र में मलेरिया की समय पर ही रोक थाम के लिए अलग तरह का निर्णय लिया।

जिसके तहत सेक्शन के दो ग्राम पंचायतों जजावल और गोरगी में डोर टू डोर सर्वे और पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों का उनके घर पर ही इलाज और दवाई वितरण करना था। इस निर्णय के साथ ही पूरे ब्लॉक के स्वास्थ्य कर्मचारियों को इक_ा कर बत्तीस अलग-अलग टीम बनाई गई। इनके द्वारा जजावल और गोरगी पंचायतों के जजावल, जजावलखास, बाजारपारा, खूंटी पारा, गोंदार पारा, बैगान पारा, बोदार पारा, मनवारी पारा, पंडो पारा, कलुहा पारा, ठूठी झरिया, भुडूपानी, ढेलमेला, पंडोपारा, करहीडाण्ड, गिरिया, गड़ही, बनिया धुर, खासपारा, बसभुत्ता, थोडहामाडा, खासपारा, कोनहा डांड सहित विभिन्न मोहल्लों में जा घर-घर सर्वे किया। मलेरिया की मौके पर ही जांच की, पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज के घर पर ही इलाज कर दवाईयां दी गयी। घर-घर सर्वे और ईलाज के साथ सभी स्कूलों और बालक छात्रावास में प्रत्येक बच्चे की जांच की गई।

प्रत्येक स्कूल में मलेरिया से पीड़ित बच्चे पाए गये जिनका भी इलाज कर ठीक होने तक उनके घर भेज दिया गया।बच्चे मलेरिया से पीड़ित थे और परिजनों को इसकी भनक तक नहीं थी। देर रात तक चले इस सर्वे के बाद 203 मलेरिया पीड़ित पाए गए। बीएमओ डॉ. राजेश श्रेष्ठ ने बताया कि मलेरिया से पीड़ितों के साथ सामान्य लोगों को भी दवाईयां वितरित की गई। 

ताकि उनमें मलेरिया न फैल सके। इतनी बड़ी तादाद में जरूरी दवाईयां सुरजपुर और सरगुजा के जिला चिकित्सालयों में उपलब्ध नहीं थी इसलिए आपातकाल की स्थिति देखते हुए जीवनदीप समिति से तत्काल क्रय कर ग्रामीणों को जरूरी इंजेक्शन और दवाईयां वितरित की गईं। उन्होंने बताया कि डोर टू डोर सर्वे के बाद एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में मलेरिया के रोगी मिलना अप्रत्याशित है।

जजावल क्षेत्र में स्थानीय स्वास्थ्य अमला सतत् निगरानी और ईलाज जारी रखेगा। पूरे सर्वे और ईलाज के दौरान बीएमओ के नेतृत्व में राजेश वर्मा, जीपी पटेल, राहुल राम, हाफिज मोहम्मद अंसारी, बृजेश तिवारी, शिवपूजन यादव, परवतिया टोप्पो, राज लक्ष्मी सिकदार, चिरंजीव सिन्हा, गंगा पैंकरा, करुणा मंडल, प्रणति विश्वास, अमिता मिंज, सुदामा पैंकरा, स्नेहलता भगत, सुन्दरमती कश्यप, बी केरकेट्टा, रामप्रताप गुप्ता, जवाहिर ठाकुर, चंद्रभास्कर पटेल सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा। जजावल क्षेत्र में कैम्प की बजाय डोर टू डोर सर्वे कामयाब रहा, सर्वे के बाद ईलाज से स्थिति अब नियंत्रण में है।

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