हाथियों की दहशत से 2 घंटे थम जाता है आवागमन

कोरबा वनमंडल के कुदमुरा वन परिक्षेत्र में हाथियों का 35 सदस्यीय दल यहां के रहवासियों के लिए कौतुहल के साथ भय का विषय बना हुआ है;

Update: 2018-06-09 14:57 GMT

जलक्रीड़ा करते देखने उमड़ रहा गांव
कुदमुरा में 15 दिनों से हाथियों का डेरा वन अमले ने संभाला मोर्चा

कोरबा-करतला। कोरबा वनमंडल के कुदमुरा वन परिक्षेत्र में हाथियों का 35 सदस्यीय दल यहां के रहवासियों के लिए कौतुहल के साथ भय का विषय बना हुआ है।

तालाब में हाथियों की जलक्रीड़ा देखने पूरा गांव उमड़ पड़ता है तो शाम को जब ये हाथी सड़क पर करते हैं तो दो घंटे तक आवागमन पूरी तरह से थम जाता है। हाथियों पर वन अमला निगरानी रखे हुए हैं। अभी तक किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है। 

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर कुदमुरा वनपरिक्षेत्र के जंगल में 14-15 दिन से हाथियों का डेरा जमा हुआ है। ये हाथी जंगल में विचरण करने के साथ जंगल से लगे गांव के कनकीखार तालाब में पानी पीने  और जलक्रीड़ा करने पहुंच रहे हैं।

हालांकि वन विभाग ने जंगल की बांस बाड़ी में हाथियों के लिए पानी की व्यवस्था कर रखी है किंतु यह हाथियों को रास नहीं आ रहा है। जलक्रीड़ा करने हाथियों के समूह को देखने गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक पहुंच रहे हैं।

बताया जा रहा है कि लगभग 35 सदस्यीय हाथियों के दल में दो गर्भवती हथिनी 7-8 बच्चे भी शामिल हैं। इनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल वन अमले द्वारा रखा जा रहा है वहीं ग्रामीणों को भी इनसे खास दूरी बना कर रखने की सलाह दी गई है।

स्थानीय ग्रामीणों के बताए अनुसार हाथियों का दल शाम 4 से 6 बजे के मध्य सड़क पार कर जंगल की ओर जाता है और इस दौरान दो घंटे तक सड़क के दोनों ओर आवागमन पूरी तरह थमा रहता है और लोग वाहनों के इंजन बंद कर सांस थामे हाथियों के गुजरने का इंतजार करते हैं।

हाथियों के साथ लेते रहे सेल्फी 
हाथियों की जलक्रीड़ा देखने के लिए तालाब व नाला के पास लोगों की भीड़ जुट रही है। ऐसे में लोग हाथियों की तस्वीर अपने मोबाइल व कैमरे में उतार रहे हैं। साथ ही नाला के पास पहुंचकर लोग हाथियों के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं। सेल्फी लेने में वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं।

हाथियों की मौजूदगी वाले तट की दूसरी ओर से अधिकारी-कर्मी हाथियों के साथ सेल्फी लेने में मशगूल रहे जो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल भी हुई है।

असुरक्षा महसूस होने परकर सकते हैं हमला 
हालांकि काफी दिनों से मौजूद हाथियों के इस दल ने अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है लेकिन जिस तरह से दो गर्भवती हथिनी और 7-8 बच्चे होना बताया जा रहा है, यदि इन्हें लेकर हाथियों को किसी तरह की असुरक्षा महसूस होती है तो वे उग्र और हमलावर हो सकते हैं।

अपने परिवार के किसी भी सदस्य पर आने वाले खतरे को वे भली भांति भांप जाते हैं। ऐसे में इनसे निश्चित दूरी बनाकर रखने के साथ ऐसी हरकतों से भी परहेज करने की जरूरत है जिससे वे उग्र न हों। 

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