असम के 15 जिले जलवायु परिवर्तन की चपेट में सबसे ज्यादा

असम सरकार इस बात से चिंतित है कि राज्य के 15 जिले देश भर के उन 25 जिलों में से हैं, जिनकी पहचान जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील के रूप में की गई है;

Update: 2022-09-18 04:11 GMT

गुवाहाटी। असम सरकार इस बात से चिंतित है कि राज्य के 15 जिले देश भर के उन 25 जिलों में से हैं, जिनकी पहचान जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील के रूप में की गई है।

राज्य के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन मंत्री केशब महंत ने कहा कि इन 15 में से दो प्रमुख संस्थानों - आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी मंडी की सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, करीमगंज सूची में सबसे ऊपर है।

करीमगंज राज्य के सीमावर्ती बराक घाटी क्षेत्र में आता है। जिले में आमतौर पर हर साल भारी मात्रा में बारिश होती थी, लेकिन हाल ही में इसमें कमी आई है। दरअसल, असम में दो बार मानसूनी बाढ़ के बाद करीमगंज में पिछले दो महीनों में बहुत कम बारिश हुई है।

बराक घाटी के अन्य दो जिले - कछार और हैलाकांडी - भी सबसे कमजोर श्रेणी में आते हैं।

असम के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर और कछार जिले के मुख्यालय सिलचर को जून में सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा। लेकिन मध्य जुलाई से कछार में भी बारिश कम हो गई है, जिससे पर्यावरणविदों को चेतावनी का संकेत मिला है।

इन तीन जिलों के अलावा 12 अन्य जिलों में गोलपारा शामिल है, जो सूची में दूसरे स्थान पर है, जबकि धुबरी और सोनितपुर क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर हैं ।

अन्य जिले दरंग, गोलाघाट, बारपेटा, कोकराझार, तिनसुकिया, बक्सा, मोरीगांव, डिब्रूगढ़ और शिवसागर हैं।

महंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।

असम जलवायु परिवर्तन कार्य योजना रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा: "असम में तापमान में पिछले कई वर्षों से लगातार वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही, वर्षा में काफी कमी आई है। इसका ग्रामीण परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जो पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 1951 से 2010 के बीच राज्य में तापमान में हर साल 0.59 डिग्री की वृद्धि हुई।

मंत्री ने कहा कि इस साल मई और जून में असम के कई जिलों में आई बाढ़ के बाद अब राज्य के कम से कम पांच जिलों में सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई है।

असम जलवायु परिवर्तन कार्य योजना रिपोर्ट में आने वाले वर्षों में सूखे की स्थिति में 75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। इसने यह भी आकलन किया कि असम में बाढ़ में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

Full View

Tags:    

Similar News