कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 की मौत
देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई;
नई दिल्ली। देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। इस हादसे में वायुसेना के 11 और अधिकारी भी मारे गए हैं। मारे गए सभी लोग वायु सेना के एक हेलिकॉप्टर में सवार थे जो तमिलनाडु के कुनूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायु सेना ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी।
हेलिकॉप्टर में सवार ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह इस दुर्घटना में घायल हुए हैं और उनका वैलिंगटन स्थित सैन्य अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
हेलीकॉप्टर सुलूर से उडान भरने के बाद तमिलनाडु में नीलगिरि जिले के कुन्नूर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सेना ने हादसे की जांच केे आदेश दे दिए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मामले में गुरुवार को संसद में बयान देंगे। वायुसेना का एमआई17 हेलीकॉप्टर को दुनिया के सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टरों में माना जाता है। जिसमें दो इंजन लगे होते हैं। ऐसे में हादसे की मुख्य वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
खराब मौसम बना हादसे की वजह
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की वजह खराब मौसम को माना जा रहा है। घने जंगल, पहाड़ी इलाका और लो विजिबिलिटी की वजह से ही हेलिकॉप्टर हादसे की का कारण माना जा रहा है। वेलिंगटन का हेलिपैड जहां रावत के हेलीकॉप्टर को लेंड करना था। वो जंगल और पहाड़ी इलाके के तुरंत बाद पड़ता है। खराब मौसम में यहां लैंडिंग हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है।
घने जंगल ने रोकी क्रैश लैंडिंग
हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी थे। ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है। हेलिकॉप्टर ट्विन इंजन वाला था। ऐसे में अगर एक इंजन फेल हो जाता तो भी बाकी बचे दूसरे इंजन से लैंडिंग की जा सकती थी। जिस स्थान पर हादसा हुआ वो इलाका घने जंगल का है ऐसे में विमान की क्रैश लैंडिंग भी नहीं हो पाई।