मस्तूरी के 100 गांवों में भीषण जल संकट की आशंका

मस्तूरी क्षेत्र के सौ गांवों में गर्मी में पानी का संकट गहरा सकता है;

Update: 2018-03-09 16:23 GMT

13 नई पानी टंकियां बंद, हैंडपंप भी सूखे,गरमी में गहरा सकता है संकट, लोगों में आक्रोश

बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के सौ गांवों में गर्मी में पानी का संकट गहरा सकता है। मस्तूरी क्षेत्र में 13 पानी टंकी बंद पड़ेे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग 13 पानी टंकियों को चार साल में शुरू नहीं कर पाया है। जबकि मस्तूरी विधायक ने विधानसभा सत्र में प्रश्न उठाया था। लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। पिछले चार साल से मस्तूरी क्षेत्र में पानी की समस्या बनी हुई है। चार साल से मस्तूरी क्षेत्र में कम बारिश हुई है। क्षेत्र के तालाब, कुएं सूख गए हैं, मगर शासन मस्तूरी क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर नहीं कर पाया है।

क्षेत्र के लोग कई बार जिला प्रशासन से पानी की मांग को लेकर घेराव कर चुके हैं। लेकिन इस गरमी में जनता पानी लेने कहां जाएगी। पानी की विकट समस्या बन चुकी है। सैकड़ों हैण्डपंप भी सूख गए हैं। लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हैण्डपंप भी सुधारा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मस्तूरी क्षेत्र में चार साल से कम बारिश होने के कारण भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण हैण्डपंप में पानी नहीं आ रहा है। मस्तूरी क्षेत्र में एक सौ 87 गांव आते हैं। जिसमें से सौ गांवों में पानी का संकट पिछले चार साल से बनी हुई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जो सौ गांव पानी की गंभीर समस्या से ग्रस्त हैं वहां 13 पानी टंकियों का निर्माण कराया है मगर पिछले चार साल से पानी टंकी में एक बूंद पानी नहीं चढ़ा पाया है।

पीएचई का कहना है कि पानी टंकी में बोर का पानी चढ़ पा रहा है। पानी का धार कम होने से टंकी में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। लेकिन स्वास्थ्य यांत्रिकी समस्या को बताकर पल्ला झाड़ रहा है। क्षेत्र में दिनों दिन पानी की समस्या जटिल होती जा रही है। 13 पानी टंकियां शुरू होती है तो सौ गांव में पानी की समस्या खत्म हो सकती है। शासन पर मस्तूरी क्षेत्र में सौतेला व्यवहार करने का लोग आरोप लगा रहे हैं।

सैकड़ों हैंडपंप खराब
क्षेत्र में सैकड़ों हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं जिसके कारण लोगों को पानी लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। दूसरे गांव में पानी लेने लोग जा रहे हैं। लेकिन समस्या को लेकर शासन गंभीर नजर नहीं है। जबकि पिछले चार साल से मस्तूरी क्षेत्र में फसल की पैदावार में काफी कमी आई है।

किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। मस्तूरी क्षेत्र के किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। मस्तूरी क्षेत्र मेें इस साल काफी कम धान बेचा गया है। भूजन स्तर नीचे जाने से समस्या बढ़ती जा रही है। विधायक ने पानी की समस्या विधानसभा सत्र में प्रश्र उठाई थी मगर पीएचई मंत्री ने प्रश्र का कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। मंत्री कहना था कि बोर से पानी टंकियों में नहीं चढ़ पा रहा है।

क्षेत्र के तालाब, कुएं भी सूख गए हैं। जिला प्रशासन ने कोई योजना अभी तक नहीं बनाई है जबकि क्षेत्र के लोग कलेक्टर को पानी की समस्या को लेकर कई बार ज्ञापन दे चुके हैं उसके बाद भी क्षेत्र में पानी की समस्या दूर नहीं हो पाई है। इधर मौसम विभाग का कहना था कि इस वर्ष गरमी प्रकोप बढ़ने की आशंका है अधिक गर्मी पड़ने से भूजल स्तर काफी नीचे चला जाएगा।
 

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