मुंबई में इमारत ढहने से 10 की मौत, आठ घायल

दक्षिण मुंबई में मंगलवार को एक चार मंजिला रिहाइशी इमारत गिरने से दस लोगों की मौत हो गई जिनमें एक 18 महीने का शिशु और चार महिलाएं शामिल हैं;

Update: 2019-07-17 00:22 GMT

मुंबई। मुंबई के डोंगरी क्षेत्र में 100 वर्ष पुरानी चार मंजिली इमारत ढहने के कारण मंगलवार को कम से कम 10 लोगों की मौत हो गयी तथा आठ अन्य लोग घायल हो गये। 

बृहन्मुंबई नगरपालिका आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने आज पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे घटित हुई दुर्घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि की। यह हादसा चार मंजिली इमारत ‘केसरबाई’ का अवैध पिछला हिस्सा गिरने के कारण हुआ। 

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एडीआरएफ) सहित राहत एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है। घटनास्थल पर मौजूद दमकलकर्मियों ने बताया कि तलाश अभियान पूरी रात जारी रह सकता हैं। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य श्रमिकों की सहायता से किया जा रहा है क्योंकि जेसीबी मशीनें संकरी गली होने के घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती है। 

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि निगम ने बेघरों के रहने के लिए इमामबाड़ा निगम उच्चतर बालिका विद्यालय में आश्रय गृह बनाया है। 

मृतकों की पहचान साबिया निसार शाइक (25), अब्दुल सत्तार कालू शाइक (55), मुजमिल मंसूर सलमानी (15), सायरा रेहम शाइक (25), जावेद इस्माइल (34), अरहान शहजाद (40) तथा कश्यप अमीरजान (13) के तौर पर हुई है। बाकी मृतकों की अभी तक पहचान अभी तक नहीं हो पायी है। 

राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे की जांच तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। 

उधर, कांग्रेस नेता विजय वादेत्तिवर, पृथ्वीराज चव्हाण , अशोक चव्हाण तथा समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने इस हादसे के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार की निंदा की और इस मामले की विस्तृत जांच करवाने और दोषियों की पहचान कर कड़ी सजा देने की मांग की। 

महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की प्रमुख प्रवक्ता वैशाली गडपाले ने देर शाम कहा कि धराशायी हुई केसरबाई इमारत के जर्जर हिस्से को प्राधिकरण ने गत वर्ष खाली करवा दिया था। 

उन्होंने कहा, “आज की दुर्घटना इमारत के अवैध हिस्से में हुई है, जो मुंबई भवन मरम्मत एवं पुनर्निमाण बोर्ड 

(एमबीआरआरबी) के अंतर्गत नहीं है।”

इससे पहले एमबीआरआरबी के अध्यक्ष विनोेद घोसलकर ने कहा था कि ध्वस्त हुई इमारत 80 वर्ष से अधिक पुरानी थी और इसे पुनर्निमाण के लिए बी.एस.बी. डेवलपर्स को दिया गया था, जिसने अभी काम शुरू नहीं किया था।

उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मामला है और हम इस मामले की जांच करायेंगे कि इसके पुनर्निमाण का कार्य शुरू क्यों नहीं हुआ था? इसके पुनर्निमाण कार्य में हुई देरी की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”

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