यूपी के 1 किसान संगठन ने किया धरना खत्म, दूसरे ने मंत्री के पास रखीं समस्याएं
देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है;
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है। भाकियू (लोकशक्ति) के नेता ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर उन्हें एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपना धरना वापस लेने की बात कही है। केंद्रीय कृषि मंत्री से उत्तर प्रदेश के एक और किसान संगठन भाकियू (एकता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुकम चंद शर्मा भी मिले। उन्होंने कृषि मंत्री के पास किसानों की समस्याएं रखीं और आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत कर समस्याओं का समाधान करने की गुहार लगाई।
भाकियू (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यौराज सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री और कृषि मंत्री के नाम सौंपे पत्र में कहा कि किसानों की मांगों को लेकर उनका संगठन पिछले दो महीनों से राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल नोएडा पर शांतिपूर्ण तरीके से धरनारत था। लेकिन गणतंत्र दिवस पर कुछ शरारती तत्वों ने किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली में जो उत्पात मचाया और तिरंगे का जो अपमान किया उस घृणित घटना को देखते हुए भाकियू (लोकशक्ति) ने खुद को आंदोलन से अलग करते हुए 27 जनवरी को धरना समाप्त कर दिया।
भाकियू (एकता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुकम चंद शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि उनका संगठन तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल नहीं है, लेकिन वह आंदोलन की राह पकड़े किसानों के साथ बातचीत के जरिए मसले का समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लालकिला पर किसानों की आड़ में धार्मिक झंडा फहराकर किसानों को बदनाम किया गया है।
शर्मा ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री से के सामने किसानों की समस्याएं रखीं। उन्होंने मंत्री को सौंपे पत्र में किसानों को फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलने की बात कही है।