पहले दिन शिक्षक और छात्र दोनों गायब रहे स्कूलों में

नये शिक्षा सत्र का पहला दिन अव्यवस्थाओं के बीच गुजरा। जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंचे और न ही बच्चों ने दिलचस्पी दिखायी.......;

Update: 2017-06-17 17:31 GMT

दंतेवाड़ा। नये शिक्षा सत्र का पहला दिन अव्यवस्थाओं के बीच गुजरा। जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंचे और न ही बच्चों ने दिलचस्पी दिखायी। आश्रम स्कूलों में तो आज का दिन साफ-सफाई में गुजरा। राज्य शासन के निर्देश के बावजूद सत्र का पहला दिन महज औपचारिक रहा। शिक्षकों ने स्कूलों में अपनी मौजूदगी नहीं दिखायी। जिन स्कूलों में बच्चे पहुंचे भी वहां शिक्षक नहीं थे और जहां शिक्षक थे वहां बच्चे नदारद रहे। जिले के कटेकल्याण ब्लाक के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में यही अव्यवस्था दिखी। 

प्राथमिक शाला रेंगानार कुआकोंडा के पास मुख्य मार्ग के ठीक बाजू में स्थित है। यहां स्कूलों में शिक्षक तो दिखे, लेकिन शिक्षिका नीलम ठाकुर लंबे समय से अनुपस्थित बतायी गयी। बच्चे स्कूल की साफ-सफाई में लगे थे। यहां शौचालय बना है, लेकिन उसकी टंकी खराब होने के कारण इस्तेमाल नहीं हो रहा है। कटेकल्याण ब्लाक के ही डोंगरीगुड़ा के प्राथमिक शाला गोलापारा में पहली से पांचवी तक पढ़ाई होती है। यहां कुल 24 बच्चे दर्ज हैं, जिसमें एक भी बच्चा स्कूल में नहीं दिखायी दिया। शिक्षक मनोज देवांगन मैलावाड़ा से आते हैं, जबकि एक अन्य शिक्षक उमा शंकर भोई बड़ेगुडरा में रहते हैं। आज केवल मनोज ही स्कूल में दिखे। मनोज की माने तो बच्चे ही स्कूल नहीं आना चाहते। यहां का मुख्य भवन वर्षो से अधूरा पड़ा है। अतिरिक्त कक्ष में क्लास लगती है, लेकिन बच्चे स्कूल आने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यहां का शौचालय भी खराब पड़ा हुआ मिला। शौचालय में सीट गलत ढंग से बिठा दी गई है, इसलिए उसमें रेत भर गयी है और वह अनुपोगी साबित हो रही है। यहां के पालक लखमा राम सोरी ने बताया कि शिक्षकों के स्कूल  नहीं आने के कारण उन्होंने गांव के बच्चों को भूसारास और भांसी के आश्रम में पढ़ने के लिए भेजा है। दोनों शिक्षक एक-एक दिन छोड़कर स्कूल आते हैं। अपै्रल में ही यहां के बच्चों को स्कूल ड्रेस और किताबे बांट दी गई हैं, लेकिन सत्र के पहले दिन बच्चों के नहीं आने से प्राथमिक शिक्षा के प्रति इस इलाके में लापरवाही साफ उजागर हुई। 

कटेकल्याण ब्लाक के ही तेलम का आश्रम और मिडिल स्कूल मोखपाल के जरीपारा में संचालित हो रहा है। यहां के आश्रम में दर्ज बच्चों की संख्या 100 है, लेकिन आज एक भी बच्चे यहां नहीं दिखायी दिये। आश्रम अधीक्षक प्यारेलाल बघेल ने बताया कि बच्चों के पालकों तक भृत्य को भेजा गया है और शाम तक बच्चे आयेंगे। प्यारेलाल के अलावा यहां विवेक डोंगरे और अवलम बघेल भी शिक्षक हैं। प्राथमिक शाला में दो शिक्षकों की यहां नियुक्ति है, लेकिन दंतेवाड़ा की कु. राजेश्वरी सुबह स्कूल पहुंची, लेकिन दोपहर बाद वह भी चली गयी। एक अन्य शिक्षक अमृत नायक आज स्कूल ही नहीं पहुंचे। यहां के एक अन्य शिक्षक को चंदेनार में संलग्र कर दिया गया है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रहा है। इस आश्रम शाला में तीन बच्चियां घास की सफाई करती मिली। आश्रम के बाहरी परिसर में सभी बच्चों की तस्वीर उनके पालकों के साथ लगायी है, यह अपने आप में नया प्रयोग है। अधीक्षक का कहना है कि बच्चों से मिलने आने वाले पालकों की पहचान के लिए ऐसी तस्वीरे यहां लगायी गयी हैं। इधर इसी ब्लाक के प्राथमिक शाला बड़ेगुडरा में पिछले सत्र में कुल 56 बच्चे थे, लेकिन इस बार यह संख्या 45 में आ गयी है। आज स्कूल में प्रधान पाठक श्रीमती मंडावी मिली। गीदम के पनेड़ा की रहने वाली श्रीमती मंडावी बड़ेगुडरा में ही रहकर स्कूल संभाल रही हैं। आज 5 बच्चे स्कूल पहुंचे थे। इसमें भी कुछ बच्चे अपनी टीसी निकलवाने आये थे। यहां की एक शिक्षिका प्रीति यादव दंतेवाड़ा में रहती है जो पिछले अपै्रल महीने से स्कूल नहीं आ रही है। इस स्कूल के बच्चों के लिए किताबे और यूनिफार्म पहुंच चुकी है। 

स्कूलों में आज का दिन महज औपचारिक रहा। इधर स्कूलों का जायजा लेने स्वयं पूर्व विधायक भीमा मंडावी पहुंचे थे। उन्होंने डोंगरीगुड़ा के गोलापारा में बच्चों के स्कूल नहीं आने पर शिक्षक की जमकर क्लास ली और कहा कि बच्चे स्कूल तक आए यह महत्वपूर्ण दायित्व शिक्षक का बनता है, अगर यह भी दायित्व पूरा नहीं किया जा रहा है तो दुख की बात है। तेलम आश्रम में भी शिक्षकों की गैरमौजूदगी पर उन्होंने नाराजगी जतायी और प्रशासन से इस मामले में यथोचित कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कई जगह पालकों से सीधी बात करते हुए बच्चो को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। 

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