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सर्दियों में दही भी जरूरी : पाचन, हड्डियां और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी

सर्दियों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। ऐसे समय में अपने आहार का ध्यान रखना और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना बेहद जरूरी होता है

सर्दियों में दही भी जरूरी : पाचन, हड्डियां और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी
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नई दिल्ली। सर्दियों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। ऐसे समय में अपने आहार का ध्यान रखना और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना बेहद जरूरी होता है। दही इस मौसम में एक ऐसा सुपरफूड साबित हो सकता है, जो सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

आयुर्वेद और विज्ञान दोनों का मानना है कि दही शरीर को मजबूत बनाता है और कई बीमारियों से बचाव करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, दही सात्विक और पोषक आहार है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और वात-शामक यानी ठंड और जकड़न को कम करता है। यही कारण है कि सर्दियों में दही का सेवन शरीर में ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।

वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इसके साथ ही, दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को संतुलित रखते हैं, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।

रिसर्च के अनुसार, दही का नियमित सेवन सर्दियों में सामान्य सर्दी-जुकाम और वायरल इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, दही में पाए जाने वाले कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखते हैं। यह कमजोरी या जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए बेहद लाभकारी है।

सर्दियों में शरीर की त्वचा भी रूखी और संवेदनशील हो जाती है। दही में मौजूद प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को पोषण देते हैं और सूखापन कम करने में मदद करते हैं। दही का नियमित सेवन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे ठंड के मौसम में भी शरीर को गर्माहट महसूस होती है। दही का पाचन तंत्र पर भी सीधा असर होता है। जिन्हें अक्सर कब्ज या अपच की शिकायत रहती है, दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स इन समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं।

सर्दियों में दही का सेवन कुछ खास बीमारियों में राहत देने में भी कारगर है। यह गले की खराश, सर्दी-जुकाम और कफ जैसी समस्याओं को कम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, दही का सेवन यदि उचित मात्रा में किया जाए, तो यह श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर की प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।


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