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सहजन क्यों है इतना खास? आयुर्वेद से जानिए उपयोग और फायदे

सहजन (मोरिंगा) को सब्जियों, दालों और औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है

सहजन क्यों है इतना खास? आयुर्वेद से जानिए उपयोग और फायदे
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नई दिल्ली। सहजन (मोरिंगा) को सब्जियों, दालों और औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। इसे शरीर की सफाई करने वाला पौधा और प्राकृतिक मल्टीविटामिन कहा जाता है, क्योंकि इसमें 90 से ज्यादा पोषक तत्व और 40 से ज्यादा औषधीय गुण मौजूद हैं।

सहजन के हर हिस्से में विटामिन ए, सी, ई, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, क्वेरसेटिन, क्लोरोजेनिक एसिड और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व भरपूर हैं। इसके पत्ते किडनी और लिवर के टॉक्सिन साफ करते हैं, फैटी लिवर और यूटीआई जैसी समस्याओं में मददगार होते हैं।

शुगर कंट्रोल में भी यह कमाल का काम करता है क्योंकि इसके पत्तों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है और यह इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाता है। रोजाना आधा चम्मच पाउडर गुनगुने पानी के साथ लेने से शुगर स्तर स्थिर रहता है।

सहजन विटामिन-सी का भंडार है, जो सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाता है। शरीर को गर्म रखता है और सर्दी-खांसी से बचाता है। इसके बीज और पत्तों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं और धमनियों की सफाई में मदद करते हैं। हड्डियों और जोड़ों के लिए भी यह वरदान है। इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन के पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। घुटनों का दर्द कम होता है और फ्रैक्चर रिकवरी तेज होती है।

सहजन सूजन और दर्द में भी कमाल करता है। गठिया, गाउट या मांसपेशियों की जकड़न में इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड बिना साइड इफेक्ट्स के राहत देते हैं। ओमेगा-3 और विटामिन-ई दिमाग की शक्ति बढ़ाते हैं, तनाव कम करते हैं और याददाश्त तेज करते हैं। इसके बीज का तेल त्वचा और बालों के लिए भी बेहतरीन है। यह त्वचा को चमकदार बनाता है। मुंहासे कम करता है और बालों को मजबूत बनाता है।

सहजन खाने के कई आसान तरीके हैं। सुबह खाली पेट पत्ती का पाउडर, फली की सब्जी, सूप, बीज का पानी या सहजन की चाय ले सकते हैं। यह शुगर कंट्रोल, पेट की सफाई, वजन घटाने, ब्लड प्रेशर और सूजन कम करने में मदद करता है।


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