Top
Begin typing your search above and press return to search.

थायरॉइड से परेशान? उज्जायी प्राणायाम के पास है समाधान

भारतीय योग पद्धति के पास हर शारीरिक और मानसिक समस्या का समाधान है। ऐसा ही एक समाधान उज्जायी प्राणायाम के रूप में है, जो मानसिक स्वास्थ्य और थायरॉइड की समस्याओं के लिए अचूक उपाय है

थायरॉइड से परेशान? उज्जायी प्राणायाम के पास है समाधान
X

नई दिल्ली। भारतीय योग पद्धति के पास हर शारीरिक और मानसिक समस्या का समाधान है। ऐसा ही एक समाधान उज्जायी प्राणायाम के रूप में है, जो मानसिक स्वास्थ्य और थायरॉइड की समस्याओं के लिए अचूक उपाय है।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय उज्जायी प्राणायाम के बारे में विस्तार से जानकारी देता है। इस प्राणायाम के अभ्यास से सांस को नियंत्रित किया जाता है, जिससे दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता में सुधार होता है।

एक्सपर्ट के अनुसार, रोजाना 10-15 मिनट अभ्यास करने से तनाव, चिंता, बेचैनी और नींद न आने की शिकायत दूर हो जाती है। यह खासकर छात्रों, नौकरीपेशा और तनावग्रस्त व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है।

उज्जायी प्राणायाम थायरॉइड की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी बेहद लाभदायी है। यह थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय और संतुलित रखता है। गले की मांसपेशियों पर हल्का दबाव डालकर हार्मोनल असंतुलन को ठीक करता है। हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म से पीड़ित लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलती है। आयुष मंत्रालय इसे बेहद फायदेमंद बताता है।

एक्सपर्ट के अनुसार, उज्जायी प्राणायाम के जितने लाभ हैं, इसका अभ्यास भी उतना ही सरल है। इसके लिए सबसे पहले शांत जगह पर सुखासन मुद्रा में बैठें, रीढ़ सीधी रखें। मुंह बंद कर नाक से गहरी सांस लें, गले से हल्की आवाज निकालते हुए सांस छोड़ें। इसे 5 से 10 बार दोहराएं। इस प्राणायाम का अभ्यास सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा माना जाता है।

एक्सपर्ट उज्जायी प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देते हैं। यह सुरक्षित और हर उम्र के लिए उपयुक्त है। इसका अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो यह न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को शांति और दिमाग को ताकत भी देता है।

हालांकि, कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। जैसे गंभीर हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। वहीं, गर्भवती महिलाओं और हाल में सर्जरी हुए मरीजों को विशेषज्ञों की देखरेख में ही करना चाहिए। गले में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो तो इसे इग्नोर करना चाहिए। अभ्यास के समय सांस को जबरदस्ती न रोकें और शुरुआत में योग प्रशिक्षक से सीखें।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it