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डायबिटीज के मरीजों को तकलीफों से निजात दिला फिट और फाइन बनाएंगे ये योगासन

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसे में चौतरफा शारीरिक कष्ट डायबिटीज के मरीजों को घेर लेती हैं

डायबिटीज के मरीजों को तकलीफों से निजात दिला फिट और फाइन बनाएंगे ये योगासन
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नई दिल्ली। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसे में चौतरफा शारीरिक कष्ट डायबिटीज के मरीजों को घेर लेती हैं। योग पद्धति में ऐसे कई आसन हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायी हैं।

मध्य प्रदेश सरकार का आयुष विभाग डायबिटीज के मरीजों को दवाओं के साथ-साथ योग को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है और इसे सबसे बेहतर प्राकृतिक दवा भी बताता है।

नियमित योगाभ्यास से ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है, शरीर सक्रिय रहता है और तकलीफें कम होती हैं। खासकर मंडूकासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, कपालभाति, भुजंगासन और हलासन जैसे सरल आसन मधुमेह के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। ये आसन घर पर ही किए जा सकते हैं और इनका अभ्यास सुबह खाली पेट सबसे अच्छा रहता है।

आयुष विभाग का कहना है कि योग न केवल शुगर कंट्रोल करता है, बल्कि तनाव कम करता है, पाचन सुधारता है और इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाता है। रोज 20-30 मिनट योग करने से मरीज खुद को फिट और एनर्जी से भरा महसूस करते हैं। आयुष विभाग मुख्य छह योगासनों के बारे में जानकारी देता है, जिसका अभ्यास करना बेहद फायदेमंद है।

मंडूकासन पैनक्रियाज को सक्रिय करता है। इससे इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। घुटनों के बल बैठकर मुट्ठी बांधें और नाभि पर दबाव डालते हुए आगे झुकें।

धनुरासन में पेट के बल लेटकर पैरों को हाथों से पकड़कर धनुष की तरह शरीर को ऊपर उठाएं। यह पाचन शक्ति बढ़ाता है और ब्लड शुगर को स्थिर रखता है। इससे मोटापा भी कम होता है।

पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास के लिए बैठकर पैर सीधे रखें और आगे झुककर पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। यह मन को शांत करता है, तनाव दूर करता है और ब्लड शुगर को संतुलित रखता है।

कपालभाति में तेजी से सांस छोड़ें और पेट को अंदर-बाहर करें। यह पेट की चर्बी घटाता है, मेटाबॉलिज्म तेज करता है और शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। भुजंगासन में पेट के बल लेटकर शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। यह रीढ़ को लचीला बनाता है, तनाव कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है।

हलासन में पीठ के बल लेटकर पैरों को सिर के पीछे ले जाएं। यह हॉर्मोन्स को संतुलित करता है और डायबिटीज नियंत्रण में मददगार है।


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