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स्लिप डिस्क की समस्या में राहत दिला सकते हैं ये पांच योगासन, मन को भी करते है शांत

आज के समय में खराब जीवनशैली, घंटों बैठकर काम करना और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण स्लिप डिस्क यानी 'हर्नियेटेड डिस्क' की समस्या तेजी से बढ़ रही है

स्लिप डिस्क की समस्या में राहत दिला सकते हैं ये पांच योगासन, मन को भी करते है शांत
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नई दिल्ली। आज के समय में खराब जीवनशैली, घंटों बैठकर काम करना और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण स्लिप डिस्क यानी 'हर्नियेटेड डिस्क' की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी के बीच मौजूद डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है, जिससे तेज पीठ दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत और यहां तक कि नसों पर दबाव पड़ने से शरीर के अन्य भागों में भी दर्द फैल सकता है। आयुर्वेद और योग में इसका इलाज संभव है, और नियमित रूप से विशेष योगासनों का अभ्यास करके इस समस्या में राहत पाई जा सकती है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, कुछ विशेष योगासन स्लिप डिस्क की स्थिति में रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने, लचीलापन बढ़ाने और मांसपेशियों को राहत देने में कारगर साबित होते हैं। कुछ प्रमुख योगासनों का अभ्यास इस समस्या में लाभकारी माना गया है।

भुजंगासन: भुजंगासन एक अत्यंत प्रभावी योगासन है जो विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीना बनाता है और पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करता है। इस आसन में शरीर को ऊपर उठाया जाता है, जिससे पीठ की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और नसों पर पड़े दबाव में राहत मिलती है। यह आसन स्लिप डिस्क में अत्यंत लाभकारी होता है क्योंकि यह डिस्क के आसपास की मांसपेशियों को सहारा देता है और सूजन को कम करता है।

उष्ट्रासन: उष्ट्रासन रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाने वाला आसन है, जो स्लिप डिस्क से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए बेहद उपयोगी है। इस आसन में शरीर को पीछे की ओर झुकाया जाता है, जिससे रीढ़ के सभी भाग खिंचते हैं और रक्त संचार बेहतर होता है। इससे न केवल दर्द में राहत मिलती है, बल्कि रीढ़ की सही स्थिति को भी बनाए रखने में मदद मिलती है। यह आसन मानसिक तनाव को भी कम करता है, जो अक्सर पीठ दर्द को बढ़ा सकता है।

शलभासन: शलभासन विशेष रूप से पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है। इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी पर पड़ा अतिरिक्त दबाव कम होता है और स्लिप डिस्क की समस्या को ठीक करने में मदद मिलती है। यह आसन न केवल पीठ दर्द को कम करता है, बल्कि शरीर के पॉश्चर को भी बेहतर बनाता है। नियमित रूप से शलभासन करने से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और चोट लगने की संभावना भी घटती है।

वज्रासन: वज्रासन एक ऐसा आसान और प्रभावी योगासन है जिसे भोजन के बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन को सुधारता है, लेकिन इसके साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को स्थिर और संतुलित रखने में भी सहायक है। स्लिप डिस्क की समस्या में जब मरीज को आराम की आवश्यकता होती है, उस समय वज्रासन एक शांत मुद्रा में रीढ़ को सहारा देता है और शरीर को संतुलन प्रदान करता है। यह मन को भी शांत करता है और लंबे समय तक बैठने की आदत को बेहतर बनाता है।

मकरासन: मकरासन पीठ की मांसपेशियों को राहत देता है और दर्द से तुरंत आराम पहुंचाता है। इस मुद्रा में पेट के बल लेटकर शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दिया जाता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह आसन स्लिप डिस्क से ग्रसित मरीजों के लिए लाभकारी माना जाता है।


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