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भारत में टीबी के मामले 21 प्रतिशत घटे, मृत्युदर में भी आई कमी : डब्ल्यूएचओ

भारत में तपेदिक (टीबी) के मामले तेजी से घट रहे हैं। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत ने टीबी के मामलों और इससे होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है

भारत में टीबी के मामले 21 प्रतिशत घटे, मृत्युदर में भी आई कमी : डब्ल्यूएचओ
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नई दिल्ली। भारत में तपेदिक (टीबी) के मामले तेजी से घट रहे हैं। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत ने टीबी के मामलों और इससे होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्रीय टीबी प्रभाग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि बीमारी की बेहतर निगरानी, ​​शीघ्र पहचान और विस्तारित उपचार कवरेज के कारण ये संभव हुआ है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत में टीबी के मामलों में 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 मामलों से घटकर 2024 में प्रति लाख 187 हो गई है। इसी अवधि के दौरान, टीबी से होने वाली मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी आई है, जो 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 28 मौतों से घटकर 2024 में 21 हो गई है। इसके साथ ही उपचार कवरेज में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यह 2015 में 53% से बढ़कर 2024 में 92% हो गया है।

टीबी मुक्त भारत अभियान की मॉनिटरिंग करने वाले केंद्रीय टीबी प्रभाग ने बताया कि इस क्षेत्र में प्रगति का एक प्रमुख कारण सरकार द्वारा लक्षणहीन मामलों की पहचान पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना है, क्योंकि इस तरह के मामले पहले सीमित निगरानी कमियों के कारण छूट जाते थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के अनुसार, 2015 में भारत में लगभग 15 लाख 'मिसिंग' टीबी मामले थे, जिससे बीमारी के फैलाव को नियंत्रित करना एक गंभीर चुनौती थी। 2024 में यह संख्या 93% घटकर एक लाख से कम हो गई। यह मामलों की पहचान करने में एक बड़ी सफलता को दर्शाता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि 7 दिसंबर, 2024 को शुरू किया गया टीबी मुक्त भारत अभियान सक्रिय और रोग निगरानी की दिशा में एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है। इस अभियान में एआई-सक्षम हैंडहेल्ड एक्स-रे, डिजिटल स्क्रीनिंग टूल, अपफ्रंट मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स (एनएएटी) का इस्तेमाल किया गया और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस पहल के अंतर्गत 24.89 लाख मामले अधिसूचित किए गए, जिनमें से 8.7 लाख मामले लक्षणहीन थे।

अधिकारियों ने बताया कि लक्षणों के बिगड़ने से पहले ही मामलों की पहचान करने से संक्रमण कम हुआ है और उपचार के बेहतर परिणाम मिले हैं, जिससे अंततः टीबी से संबंधित मौतों में कमी आई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर से पुष्टि की है कि भारत टीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में मजबूती से आगे बढ़ रहा है और टीबी मुक्त भारत अभियान से इसके मामलों में कमी लाने और मृत्यु दर को रोकने में और अधिक सफलता मिलने की उम्मीद है। यह पहल टीबी को खत्म करने और आने वाले वर्षों में टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य के करीब पहुंचने के सरकार के संकल्प को रेखांकित करती है।


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