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प्याज सिर्फ सब्जी का स्वाद नहीं बढ़ाती, सेहत का भी रखती है ख्याल

प्याज सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाली सब्ज़ी नहीं है, बल्कि आयुर्वेद में इसे महाऔषधि माना गया है। प्राचीन काल से पाचन, त्वचा, बाल, हृदय और यौन समस्याओं में इसका उपयोग होता रहा है

प्याज सिर्फ सब्जी का स्वाद नहीं बढ़ाती, सेहत का भी रखती है ख्याल
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नई दिल्ली। प्याज सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाली सब्ज़ी नहीं है, बल्कि आयुर्वेद में इसे महाऔषधि माना गया है। प्राचीन काल से पाचन, त्वचा, बाल, हृदय और यौन समस्याओं में इसका उपयोग होता रहा है। आयुर्वेद के अनुसार यदि इसे सही मात्रा में रोजाना लिया जाए, तो यह शरीर को स्वस्थ और रोगों से लड़ने में सक्षम बनाता है।

प्याज का मुख्य काम वात और कफ दोषों को शांत करना है। सबसे ज्यादा यह पाचन, त्वचा और मूत्र मार्ग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के काम आता है।

रोजाना भोजन में कच्चा प्याज खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। गैस और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। त्वचा रोगों में प्याज का रस नीम के तेल के साथ लगाने से फोड़े-फुंसी, खुजली और एक्जिमा में राहत मिलती है।

बालों के लिए भी यह रामबाण है। प्याज का रस बालों की जड़ों को मजबूत करता है और डैंड्रफ को कम करता है। यौन दुर्बलता को दूर करने के लिए इसे घी और शहद में मिलाकर रात को खाने की सलाह दी जाती है। प्याज हृदय के लिए भी फायदेमंद है। यह खून को पतला करता है, जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहते हैं। इसके अलावा, मधुमेह में यह इंसुलिन संवेदनशीलता सुधारता है और सर्दी-जुकाम में बलगम निकालने में मदद करता है।

गर्मियों में शरीर को ठंडक देने के लिए इसे छाछ या काला नमक के साथ सेवन किया जा सकता है। घाव और फोड़े-फुंसी में भुना प्याज लगाने से सूजन और संक्रमण कम होता है। सलाद के रूप में, इसका रायता या फिर पकाकर इसे खाया जा सकता है। रस के रूप में शहद या गुनगुने पानी के साथ लेना भी फायदेमंद है।

हालांकि, प्याज गर्म तासीर की वजह से गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में लें और पित्त प्रकृति वाले लोग ज्यादा न खाएं। अत्यधिक सेवन से बदबूदार पसीना, मुंह की दुर्गंध या एसिडिटी हो सकती है।


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