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एलर्जी से चाहिए छुटकारा? आयुर्वेद की रामबाण जड़ी-बूटियां बेहद असरदार

एलर्जी एक बहुत आम समस्या है, जिससे आजकल हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। जैसे हम कभी किसी व्यक्ति से एलर्जी होने की बात सुनते हैं, वैसे ही हमारे शरीर को भी कुछ चीजों से एलर्जी हो जाती है

एलर्जी से चाहिए छुटकारा? आयुर्वेद की रामबाण जड़ी-बूटियां बेहद असरदार
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नई दिल्ली। एलर्जी एक बहुत आम समस्या है, जिससे आजकल हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। जैसे हम कभी किसी व्यक्ति से एलर्जी होने की बात सुनते हैं, वैसे ही हमारे शरीर को भी कुछ चीजों से एलर्जी हो जाती है। धूल, धुआं, फूलों का पराग, ठंडी और गर्म चीजें इसके मुख्य कारण हैं, खासकर बारिश के बाद की धूप और भी परेशानी बढ़ा देती है। छींकें रुकती नहीं, आंखों से पानी बहता है और नाक बंद होने से सांस लेने में तकलीफ होती है।

एलर्जी के असली कारण का पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय बहुत कारगर साबित होते हैं। जैसे नीम की गिलोय का रस हरिद्रा खंड चूर्ण के साथ रोज लेने से पुरानी से पुरानी एलर्जी में भी आराम मिलता है। सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू पानी पीने से शरीर में विटामिन-सी की कमी पूरी होती है और जुकाम-नजले जैसे लक्षण कम होते हैं।

अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, लौंग और मिश्री से बनी हर्बल चाय भी काफी राहत देती है। इसके अलावा, नीम के पत्ते चबाने से फ्लू जैसे लक्षणों से भी बचाव होता है।

अगर एलर्जी बार-बार होती है, तो आयुर्वेदिक चूर्ण 'सितोपलादि' बहुत असरदार माना गया है। नमक वाले गुनगुने पानी से कुंजल और नेती क्रिया करने से शरीर का कफ दोष बाहर निकल जाता है और पुरानी एलर्जी में भी आराम आता है।

पंचकर्म की नस्य क्रिया भी एलर्जी के इलाज में बेहद उपयोगी है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। नियमित योग करने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और एलर्जी से प्राकृतिक रूप से रक्षा होती है।

सावधानियों की बात करें तो एलर्जी से बचने के लिए धूल, धुएं और परागकणों से दूर रहना चाहिए। ठंडी या बहुत गर्म चीजों का सेवन कम करें और खटाई या अचार जैसी चीजों से परहेज रखें। कुछ दवाइयां जैसे एस्पिरिन या निमेसुलाइड भी एलर्जी को बढ़ा सकती हैं, इसलिए इन्हें सावधानी से लें।

एलर्जी और त्वचा रोगों के लिए सबसे प्रसिद्ध औषधि हरिद्रा खंड है। यह हल्दी, घी, दूध और कई जड़ी-बूटियों से मिलकर बनती है। घर पर बनी हरिद्रा खंड सबसे असरदार मानी जाती है। इसे दूध के साथ सुबह-शाम 20-25 ग्राम तक लिया जा सकता है। जो लोग घर पर नहीं बना सकते, वे बाजार से चूर्ण रूप में उपलब्ध हरिद्रा खंड का सेवन कर सकते हैं। इसका नियमित सेवन शीतपित्त, खुजली और पुरानी एलर्जी में बहुत लाभदायक है।


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