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2024 में 26 लाख से अधिक लोगों को मिला टीबी रोधी उपचार: अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में जानकारी दी कि वर्ष 2024 में 26.72 लाख पात्र व्यक्तियों को टीबी रोधी उपचार प्रदान किया गया

2024 में 26 लाख से अधिक लोगों को मिला टीबी रोधी उपचार: अनुप्रिया पटेल
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  • टीबी रोधी उपचार प्राप्त करने वालों की संख्या: वर्ष 2024 में 26.72 लाख पात्र व्यक्तियों को टीबी रोधी उपचार प्रदान किया गया

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में जानकारी दी कि वर्ष 2024 में 26.72 लाख पात्र व्यक्तियों को टीबी रोधी उपचार प्रदान किया गया।

लेटेंट टीबी संक्रमण की दर : 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में लेटेंट टीबी संक्रमण की कच्ची दर लगभग 31.3 प्रतिशत है

पटेल ने अपने लिखित उत्तर में देश में टीबी उन्मूलन के प्रयासों की प्रगति साझा की। उन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 2019-21 के दौरान किए गए राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में लेटेंट टीबी संक्रमण की कच्ची दर लगभग 31.3 प्रतिशत है।

इस चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत घर के संपर्क में आने वाले लोगों और संवेदनशील आबादी की जांच कर, पात्र होने पर उन्हें टीबी रोधी उपचार प्रदान किया जाता है।

पटेल ने बताया कि जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 26.72 लाख पात्र व्यक्तियों को टीबी रोधी उपचार की शुरुआत की गई।

'100-दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान' : दिसंबर 2024 में शुरू किया गया यह अभियान प्राथमिकता वाले जिलों में संवेदनशील आबादी और समूहों तक पहुंचने पर केंद्रित था

इसके साथ ही, दिसंबर 2024 में '100-दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान' शुरू किया गया, जो 24 मार्च 2025 को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर पूरा हुआ। इसका उद्देश्य प्राथमिकता वाले जिलों में संवेदनशील आबादी और समूहों तक पहुंच बनाना था।

टीबी की स्क्रीनिंग के लिए एक्स-रे की आवश्यकता को देखते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने संसाधन मानचित्रण किया और आवश्यकता के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में एआई-सक्षम पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों का उपयोग किया और निजी सुविधाओं की भी पहचान की।

टीबी उन्मूलन की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों में उच्च टीबी बोझ वाले क्षेत्रों में लक्षित हस्तक्षेप, मरीजों को निशुल्क दवाइयां और जांच की सुविधा, मोबाइल डायग्नोस्टिक यूनिट के माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों में संवेदनशील आबादी की गहन जांच, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) स्तर तक टीबी जांच और उपचार सेवाओं का विकेंद्रीकरण, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना, प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर आणविक जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना और नि-क्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को उपचार अवधि के दौरान हर महीने 1,000 रुपए की पोषण सहायता शामिल हैं।

2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य : सरकार का लक्ष्य देश को टीबी मुक्त बनाना है

सरकार का लक्ष्य देश को टीबी मुक्त बनाना है, जिसके लिए बहुस्तरीय और सामूहिक प्रयास जारी हैं।


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