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भारत में 2024 में कैंसर के 15 लाख से अधिक मामले दर्ज हुए : मंत्री प्रतापराव जाधव

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद में कहा कि 2024 में भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है

भारत में 2024 में कैंसर के 15 लाख से अधिक मामले दर्ज हुए : मंत्री प्रतापराव जाधव
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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को संसद में कहा कि 2024 में भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जाधव ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों का विवरण दिया।

जाधव ने कहा, "भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में देश में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 15,33,055 है।"

देश में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2019 में 13.5 लाख से बढ़कर 2024 में ये आंकड़ा 15.3 लाख हो गया। 2020 में 13.9 लाख मामले आए थे। उन्होंने आगे कहा कि, "2023 में कैंसर से 8.2 लाख मरीजों की मृत्यु होने का अनुमान है, जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है।"

जाधव ने कहा, "अनुमानित कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण कैंसर का पता लगाने के लिए बेहतर स्क्रीनिंग तकनीकों की पहुंच और उपलब्धता, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, वृद्ध आबादी का बढ़ता हिस्सा, और स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूकता में सुधार हैं।"

इसके अलावा मंत्री ने बताया कि "कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) से जुड़े पारंपरिक जोखिम कारकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिनमें कैंसर भी शामिल है।"

इसके मुख्य कारक हैं जैसे तंबाकू और शराब का सेवन, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियां, अस्वास्थ्यकर आहार, अधिक नमक, चीनी और संतृप्त वसा का सेवन आदि।

इससे निपटने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) शुरू किया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से सामान्य गैर-संचारी रोगों के जोखिम कारकों की रोकथाम और नियंत्रण तथा कैंसर और अन्य गैर-संचारी रोगों से होने वाली असामयिक बीमारी और मृत्यु दर में कमी लाना है।

जाधव ने कहा, "इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हेल्थ प्रमोशन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और मामलों के रेफरल के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और क्षमता निर्माण है। रोकथाम, शीघ्र निदान, सस्ता इलाज, पुनर्वास, जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन संचार के लिए स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न स्तरों पर क्षमता निर्माण प्रदान किया जाता है।"


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