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मालदीव बना 'ट्रिपल उन्मूलन' हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश : डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि मालदीव एक ऐतिहासिक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धि हासिल करते हुए हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और सिफलिस के मां से बच्चे में ट्रांसमिशन (ईएमटीसीटी) के 'ट्रिपल उन्मूलन' को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है

मालदीव बना ट्रिपल उन्मूलन हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश : डब्ल्यूएचओ
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स्वास्थ्य क्षेत्र में मालदीव की ऐतिहासिक छलांग, हेपेटाइटिस B, HIV और सिफलिस का ट्रांसमिशन समाप्त

  • मालदीव को मिली वैश्विक सराहना, मातृ और शिशु स्वास्थ्य में रचा इतिहास
  • 'स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य': WHO ने मालदीव को दी ट्रिपल उन्मूलन की मान्यता

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि मालदीव एक ऐतिहासिक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धि हासिल करते हुए हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और सिफलिस के मां से बच्चे में ट्रांसमिशन (ईएमटीसीटी) के 'ट्रिपल उन्मूलन' को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

मालदीव को वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बच्चों में हेपेटाइटिस बी के ट्रांसमिशन को समाप्त करने के लिए मान्यता प्राप्त है। देश ने 2019 में एचआईवी और सिफलिस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मान्यता या ईएमटीसीटी प्राप्त की थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा, "मालदीव ने दिखाया है कि दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में निरंतर निवेश के साथ, इन घातक बीमारियों के मां से बच्चे में संचरण और उनसे होने वाली पीड़ा को समाप्त करना संभव है।"

उन्होंने आगे कहा, "यह ऐतिहासिक उपलब्धि इसी लक्ष्य की दिशा में काम कर रहे सभी देशों के लिए आशा और प्रेरणा प्रदान करती है।"

मां से बच्चे में संक्रमण के कारण दुनिया भर में लाखों लोग संक्रमित होते हैं।

अकेले विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, अनंतिम अनुमान (प्रोविजनल एस्टिमेट्स) बताते हैं कि 2024 में, 23,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं को सिफलिस हुआ और 8,000 से अधिक शिशु जन्मजात सिफलिस के साथ पैदा हुए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि लगभग 25,000 एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को अपने शिशुओं में संक्रमण को रोकने के लिए उपचार की आवश्यकता थी, जबकि हेपेटाइटिस बी इस क्षेत्र में 4.2 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित कर रहा है।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहेम ने कहा, "यह ऐतिहासिक उपलब्धि 'स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे रोकी जा सकने वाली मौतों को समाप्त करके और दीर्घकालिक कल्याण को प्राथमिकता देकर मातृ एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य में सुधार होगा।"

मालदीव में, 95 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल मिली है, और एचआईवी, सिफलिस और हेपेटाइटिस बी के लिए परीक्षण किया गया है।

एक मजबूत टीकाकरण प्रणाली के साथ, 2022 और 2023 में कोई भी बच्चा एचआईवी या सिफलिस के साथ पैदा नहीं हुआ। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2023 के एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण ने छोटे बच्चों (स्कूल की पहली कक्षा) में हेपेटाइटिस बी के शून्य मामलों की पुष्टि की, जो उन्मूलन लक्ष्यों को पार कर गया।

मालदीव के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने भविष्य में भी इस प्रगति को जारी रखने का संकल्प लेते हुए कहा, "यह ऐतिहासिक मान्यता मालदीव के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है और माताओं, बच्चों और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के प्रति हमारे राष्ट्र की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।"


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