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बढ़े यूरिक एसिड से शरीर को कई नुकसान, जीवनशैली में बदलाव है बचाव का उपाय

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। अनियमित दिनचर्या, गलत खान-पान और तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को जकड़ लेती हैं

बढ़े यूरिक एसिड से शरीर को कई नुकसान, जीवनशैली में बदलाव है बचाव का उपाय
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  • बढ़ा यूरिक एसिड : अनियमित जीवनशैली से जुड़ी एक आम समस्या

नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। अनियमित दिनचर्या, गलत खान-पान और तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को जकड़ लेती हैं। 30-40 की उम्र में ही लोग शुगर, ब्लड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, थायराइड और यूरिक एसिड जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। जब तक हम अपनी सेहत की देखभाल नहीं करेंगे, तब तक इन बीमारियों से छुटकारा पाना मुश्किल है। हमारे शरीर में कई तरह के तत्व होते हैं, जिनमें से कुछ जरूरी होते हैं और कुछ हानिकारक। ऐसा ही एक तत्व है यूरिक एसिड।

यूरिक एसिड क्या है और यह कैसे बनता है?

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब हम जो खाना खाते हैं, उसमें मौजूद प्यूरिन नाम के तत्व टूटते हैं। प्यूरिन मांस, मछली, दालें, मशरूम, पालक, चाय, कॉफी, शराब और कुछ खास तरह की चीजों में पाया जाता है। जब यह टूटता है, तो यूरिक एसिड बनता है, जिसे शरीर हमारी किडनी के जरिए बाहर निकाल देता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगे या किडनी उसे सही तरीके से बाहर न निकाल पाए, तो यह खून में जमा होने लगता है। यही स्थिति हाइपरयूरिसीमिया कहलाती है, और इसका असर धीरे-धीरे हमारे जोड़ों पर पड़ने लगता है।

यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे पहले असर जोड़ों पर होता है। घुटनों, एड़ियों, पैरों के अंगूठे या उंगलियों में दर्द, सूजन, जलन, अकड़न और चलने-फिरने में परेशानी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस स्थिति को गठिया कहा जाता है। समय रहते ध्यान न देने पर यूरिक एसिड किडनी स्टोन, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

प्यूरिन युक्त भोजन और यूरिक एसिड का संबंध

ऐसे में सवाल आता है कि यूरिक एसिड को कंट्रोल कैसे करें? इसका सबसे आसान और असरदार तरीका है अपने खान-पान और जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके।

सबसे पहले हमें ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जिनमें प्यूरिन ज्यादा हो। तले-भुने, मसालेदार और बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से भी दूरी बनानी चाहिए। इसकी जगह हल्का और संतुलित खाना खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, फाइबर युक्त चीजें और विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, आंवला, और अमरूद को अपने आहार में शामिल करें।

पानी पीना बहुत जरूरी है। दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर से यूरिक एसिड आसानी से बाहर निकल सके। साथ ही, नारियल पानी, नींबू पानी और हल्का गर्म पानी पीना भी फायदेमंद होता है।

जीवनशैली और खान-पान में बदलाव: यूरिक एसिड कंट्रोल का उपाय

कुछ घरेलू नुस्खे भी यूरिक एसिड को घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे एक चम्मच अजवाइन रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीना। वहीं एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन में दो बार पीना। इसके अलावा, आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक-दो बार लेना या फिर कच्चा पपीता उबालकर उसका पानी पीना भी यूरिक एसिड में लाभकारी माना जाता है।

इसके अलावा, रोजाना व्यायाम करना भी बहुत जरूरी है। खासकर पैदल चलना, हल्की स्ट्रेचिंग या साइक्लिंग से शरीर की चर्बी कम होती है और यूरिक एसिड भी नियंत्रित रहता है। मोटापा भी यूरिक एसिड बढ़ने का एक कारण होता है, इसलिए वजन पर भी ध्यान देना जरूरी है।

अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बढ़ गया हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जांच कराएं।


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