ब्रश करने के तुरंत बाद चाय पीना आपके दांतों के लिए हो सकता है हानिकारक, जानिए कैसे
लगभग हर भारतीय के सुबह की शुरुआत एक प्याली चाय से होती है। ग्रीन हो, ब्लैक हो या फिर मिल्क टी, ये तो जैसे अभिन्न अंग है हमारे जीवन का। दिलो दिमाग में अक्सर एक ख्याल आता है कि बेड टी बेहतर है या टूथब्रश के तुरंत बाद चाय पीना बेहतर है

ब्रश के तुरंत बाद चाय क्यों नहीं पीनी चाहिए? जानिए एक आम सी लेकिन जरूरी बात!
नई दिल्ली। लगभग हर भारतीय के सुबह की शुरुआत एक प्याली चाय से होती है। ग्रीन हो, ब्लैक हो या फिर मिल्क टी, ये तो जैसे अभिन्न अंग है हमारे जीवन का। दिलो दिमाग में अक्सर एक ख्याल आता है कि बेड टी बेहतर है या टूथब्रश के तुरंत बाद चाय पीना बेहतर है। अमूमन सुबह ब्रश करने के कुछ पल बाद ही लोग चाय पीते हैं, लेकिन क्या ये दांतों के लिए ठीक है?
तो जान लीजिए ब्रश करने के तुरंत बाद चाय पीना आपके दांतों के लिए हानिकारक हो सकता है। ये आदत धीरे-धीरे आपके दांतों की सेहत बिगाड़ सकती है- और शायद आपको इसका भान भी न हो! अब सवाल उठता है चाय तो सुबह हमें तरोताजा करती है, तो भला इसका नुकसान क्यों और कैसे? बिलकुल, चाय के अपने फायदे हैं- लेकिन ब्रश के तुरंत बाद अगर आप इसे पीते हैं, तो उसका असर उल्टा पड़ सकता है।
यूएस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, दांतों पर बार-बार एसिड का असर इनेमल को कमजोर कर सकता है। ब्रश के तुरंत बाद चाय पीना इस प्रक्रिया को तेज कर सकता है।
एनआईएच की रिसर्च कहती है ब्रश के बाद दांत थोड़े सेंसिटिव होते हैं। ऐसे में चाय के टैनिन्स दांतों की सतह पर चिपक जाते हैं और पीलेपन की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, टूथपेस्ट में होता है फ्लोराइड जो दांतों को मजबूत करता है। लेकिन अगर ब्रश के तुरंत बाद चाय पी ली जाए, तो फ्लोराइड की परत जल्दी हट सकती है।
चाय (खासकर नींबू के साथ या दूध के बिना) थोड़ी‑बहुत एसिडिक होती है। जब आप ब्रश करते हैं, तो टूथपेस्ट या ब्रश से दांतों की सतह थोड़ी सॉफ्ट हो जाती है। अगर तुरंत बाद चाय या ऐसा कोई और पेय लिया जाए, तो एसिड दांत की इनेमल को और नरम कर देता है। दांतों पर दाग लगना और 'इनेमल इरोजन' यानी दांतों की चमकदार परत का झड़ना बढ़ जाता है।
शोध बताते हैं कि ब्रश के तुरंत बाद कम से कम 30‑60 मिनट इंतजार करें। इस दरमियान कुछ हल्की चीजों का सेवन करें, जैसे पानी पीना, कुल्ला करना, या अगर संभव हो तो कैल्शियम‑युक्त चीजें लेना (दूध, दही इत्यादि) जो पीएच को संतुलित करते हैं।


