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रोगों का काल है इन तीन औषधियों का मिश्रण, बुढ़ापे में भी रहेंगे स्वस्थ और सेहतमंद

आयुर्वेद में कई ऐसे घरेलू योग बताए गए हैं, जिन्हें पाचन सुधारने, बॉडी को डिटॉक्स करने और रोजमर्रा की तकलीफों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है

रोगों का काल है इन तीन औषधियों का मिश्रण, बुढ़ापे में भी रहेंगे स्वस्थ और सेहतमंद
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नई दिल्ली। आयुर्वेद में कई ऐसे घरेलू योग बताए गए हैं, जिन्हें पाचन सुधारने, बॉडी को डिटॉक्स करने और रोजमर्रा की तकलीफों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन मेथी, अजवाइन और काली जीरी का मिश्रण भी शरीर में जमा कचरे को निकालने, पाचन दुरुस्त करने और गैस-कब्ज जैसी समस्याओं में मददगार माना जाता है।

इसे आप घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं। इसके सेवन से बुढ़ापे में भी आप स्वस्थ और सेहतमंद रहेंगे। इसे तैयार करना भी काफी आसान है। 250 ग्राम मेथी दाना, 100 ग्राम अजवाइन और 50 ग्राम काली जीरी को हल्का भूनकर पीसकर रख लिया जाता है। रात को सोने से पहले एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेना फायदेमंद माना जाता है।

लोगों का मानना है कि इस मिश्रण को नियमित रूप से लेने से शरीर हल्का महसूस होने लगता है, पाचन सुधरता है, गैस और कब्ज में आराम मिलता है और धीरे-धीरे शरीर की सूजन भी कम होती है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इससे थकान कम होती है, त्वचा साफ होती है और शरीर में स्फूर्ति बढ़ती है। कई लोग इसे जोड़ों की तकलीफ, अपच, कफ या ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए भी लेते हैं।

इस मिश्रण में खास बात काली जीरी का होना है, जिसे कई लोग गलती से कलौंजी समझ लेते हैं, जबकि दोनों बिल्कुल अलग होते हैं। इसकी तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

ध्यान रहे कि काली जीरी काफी गर्म प्रकृति की होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों या संवेदनशील लोगों को इसका प्रयोग बिना परामर्श के नहीं करना चाहिए। ज्यादा मात्रा में लेने से उलटी, पेट में जलन या परेशानी भी हो सकती है। अगर कभी इसके सेवन से असहजता महसूस हो तो शरीर को शांत करने के लिए आंवले का उपयोग, दूध या हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है।


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