योग को बढ़ावा देगा डीयू
दिल्ली विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, देशबंधु कॉलेज, गार्गी कॉलेज, आईपी कॉलेज, इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकनॉमिक्स, हंसराज कॉलेज, जानकीदेवी मेमोरियल कॉलेज, कालिंदी कॉलेज

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, देशबंधु कॉलेज, गार्गी कॉलेज, आईपी कॉलेज, इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकनॉमिक्स, हंसराज कॉलेज, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, शहीद राजगुरु कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज सहित 11 कॉलेजों ने इस शैक्षिक सत्र 2018-19 से अपने यहां स्पोर्ट्स के अंतर्गत योगा विषय को स्पोर्ट्स कोटे के छात्रों को मांग की है।
कॉलेजों का मानना है कि योगा को भी उतना ही बढ़ावा दिया जाना चाहिए जितना हम अन्य खेलों को प्राथमिकता देते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडेमिक काउंसिल के मेंबर और एडमिशन कमेटी के सदस्य प्रो. हंसराज ने इसकी पुष्टिï करते हुए बताया कि डीयू में जिस प्रकार से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर फिजिकल एजुकेशन को एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है उस स्तर पर कॉलेजों में योगा को एक विषय के रूप में नहीं रखा गया है बल्कि खेल के रूप में इसे प्राथमिकता दी गई है।
प्रो. सुमन का मानना है कि योगा को स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम के अंतर्गत रखना चाहिए ताकि पहले छात्र योग को जाने उसके बाद उसका अध्ययन करें। योगा के माध्यम से व्यक्ति अपने शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वच्छता को प्राप्त करता है।
योगा विषय को कॉलेजों के द्वारा प्राथमिकता देने के उद्देश्य के पीछे इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय की योगा महिला टीम पूरे भारत वर्ष में प्रथम स्थान पर आई थी, इसीलिए अधिकांश महिला कॉलेजों ने अपने यहां स्पोर्ट्स कोटे के अंतर्गत एडमिशन में योगा की छात्राओं को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने बताया है कि स्पोर्ट्स कोटे के अंतर्गत होने वाले एडमिशन जिसमें इस बार योगा को भी स्पोर्ट्स कोटे में रखा गया है की मांग को देखते हुए 21 मई तक कॉलेजों से यह मांगा गया है कि वे अपने यहां कौन सा खेल करवाना चाहते हैं। उनका कहना है कि 21 मई के बाद ही पता चल सकेगा कि किस कॉलेज को कौन सा खेल दिया गया है।
कॉलेज उस खेल की ट्रायल कराता है और देखता है कि उस छात्र की कैसी परफॉर्मेंस है उसी के आधार पर उसके मार्क्स लगाएं जाते हैं फिर उन्हें कॉलेज अलॉट किए जाते हैं।


